
दो समर्थकों पर दो दिन की ‘सिविल कस्टडी’ और 2029 तक प्रवेश प्रतिबंध की सिफारिश
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा की विशेषाधिकार समिति ने मानसून सत्र के दौरान हुई झड़प को अत्यंत गंभीर मानते हुए कड़ा कदम उठाया है। समिति ने भाजपा और राकांपा (शरदचंद्र पवार) के दो समर्थकों- नितिन देशमुख और सरजेराव टकले को दो दिन की ‘सिविल कस्टडी’ में रखने और 2029 तक विधान भवन परिसर में उनके प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। समिति ने यह कदम विधानसभा की गरिमा, अनुशासन और सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए उठाया है। शुक्रवार को समिति के अध्यक्ष तथा शिवसेना विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने सदन में इस कार्रवाई की जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि ‘सिविल कस्टडी’ का अर्थ पारंपरिक जेल जैसी आपराधिक हिरासत नहीं होता, बल्कि यह नियंत्रित निगरानी में रखे जाने की प्रशासनिक कार्रवाई है, जिसका उद्देश्य दंड देना नहीं बल्कि शांति और अनुशासन सुनिश्चित करना है। समिति ने जुलाई में मुंबई स्थित विधान भवन परिसर में हुई झड़प के वीडियो क्लिप, घटनाक्रम और दोनों पक्षों की भूमिका की जांच के बाद यह सिफारिश तैयार की। रिपोर्ट के अनुसार, नितिन देशमुख एनसीपी (शरद पवार) गुट के विधायक जितेंद्र आव्हाड के समर्थक हैं, जबकि सरजेराव टकले भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर के समर्थक बताए गए हैं। विशेषाधिकार समिति ने यह भी सिफारिश की है कि दोनों व्यक्तियों को मुंबई और नागपुर के विधान भवन परिसरों में प्रवेश से 2029 तक प्रतिबंधित किया जाए। विधानसभा के शेष कार्यकाल तक लागू रहने वाला यह प्रतिबंध अभूतपूर्व माना जा रहा है। घटना से जुड़ी रिपोर्ट के मुताबिक, मानसून सत्र के दौरान यह झड़प विधानसभा लॉबी में उस समय हुई जब जितेंद्र आव्हाड ने गोपीचंद पडलकर को लेकर नारेबाजी की। इसके बाद दोनों नेताओं के समर्थकों के बीच तनाव बढ़ा और मामला हाथापाई तक पहुंच गया। इससे पहले पडलकर और आव्हाड के बीच तीखी बहस भी हुई थी, जिसने वातावरण को और तनावपूर्ण बना दिया




