मैकेनिकल इंजीनियरिंग के बाद 3 साल बिना कोचिंग किया तैयारी, यूपीएससी में हासिल की 688वीं रैंक
सुलतानपुर:(Sultanpur) हौसले बुलंद हो और इरादे पक्के हो तो मंजिल दूर नहीं होती है। ऐसा ही कर दिखाया है किसान के बेटा शुभम मिश्र ने आईएएस बनकर । सिविल सेवा की परीक्षा में उन्होंने 688वीं रैंक हासिल की है। जिसके बाद परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है। दिल्ली से मैकेनिकल इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने तीन साल बिना कोचिंग के यह सफलता पाई है।
जिले के अखंडनगर थाना क्षेत्र के ग्राम हरपुर गांव निवासी है।
पिता यादवेंद्र मिश्र ने बताया कि शुभम ने प्राथमिक शिक्षा गांव के विद्यालय से पास किया। साल 2013 में दसवीं की परीक्षा बीडी सरस्वती विद्या मंदिर नोएडा से पास किया। 2015 में बारहवीं की परीक्षा डीएबी एकेडमी टांडा, अंबेडकर नगर से पास किया, उनको 88% अंक मिले। फिर उन्होंने आईआईटी दिल्ली से वर्ष 2020 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। बीटेक के बाद जॉब प्लेसमेंट न लेकर सीधे यूपीएससी की तैयारी बिना किसी कोचिंग के किया। वे रोज करीब 6 से 8 घंटे पढ़ाई करते थे।
बाबा सेवानिवृत्त शिक्षक हैं।
जिले के अखंडनगर थाना क्षेत्र के ग्राम हरपुर गांव के किसान यादवेंद्र मिश्र के घर खुशी का माहौल है। छोटे पुत्र शुभम के आईएएस बनने पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। शुभम ने अपने बड़े भाई प्रशांत मिश्रा के साथ दिल्ली में रहकर आईआईटी की शिक्षा प्राप्त की थी। उनकी माता संगम मिश्रा गृहिणी हैं। चाचा धर्मेंद्र उर्फ गुल्लू मिश्र अनाज का व्यवसाय करते हैं। उनके बाबा श्याम लाल मिश्र सेवानिवृत्त शिक्षक रहे हैं। उन्होंने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने संयुक्त परिवार, खासकर माता संगम मिश्रा, चाचा धर्मेन्द्र मिश्रा तथा अग्रज प्रशान्त मिश्रा को दी है।