Wednesday, July 9, 2025
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MLA निवास में ‘थप्पड़कांड’: शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक संजय गायकवाड़ का कर्मचारियों संग मारपीट का वीडियो वायरल, विपक्ष ने की निलंबन की मांग

मुंबई। शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक संजय गायकवाड़ एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं। मुंबई स्थित विधायक निवास कैंटीन में बासी और घटिया गुणवत्ता वाले खाने को लेकर एक कैंटीन कर्मचारी से मारपीट करने का वीडियो सामने आने के बाद राज्यभर में आक्रोश की लहर है। वायरल वीडियो में गायकवाड़ कर्मचारी को थप्पड़, घूंसे और गालियाँ देते नजर आ रहे हैं। इस घटना के बाद राजनीतिक माहौल गर्मा गया है, और विपक्ष ने उनके तत्काल निलंबन और इस्तीफे की मांग की है। 8 जुलाई को बुलढाणा से विधायक संजय गायकवाड़ ने जब विधायक निवास कैंटीन से खाना मंगवाया, तो उन्हें कथित तौर पर बासी दाल और चावल मिले। इससे नाराज़ होकर उन्होंने कैंटीन के कर्मचारी के साथ अशोभनीय और हिंसक व्यवहार किया। उनका दावा है कि भोजन में 15 दिन पुराने अंडे, कीड़े और बदबूदार सब्जियाँ परोसी गई थीं। गायकवाड़ का कहना है कि वह 30 वर्षों से इस कैंटीन के ग्राहक रहे हैं और बार-बार शिकायतों के बावजूद खाद्य गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ। इस मामले को विधान परिषद में शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के एमएलसी अनिल परब ने जोरदार ढंग से उठाया। परब ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से गायकवाड़ के निलंबन की मांग करते हुए कहा कि विधायक का ऐसा आचरण सभी जनप्रतिनिधियों की छवि को धूमिल करता है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घटना को गंभीर बताया और कहा, मैंने इस मामले का संज्ञान लिया है। भोजन की गुणवत्ता खराब थी, लेकिन किसी कर्मचारी के साथ मारपीट करना अनुचित है। इससे पूरे विधायक समाज की गरिमा को ठेस पहुँचती है। विधानसभा अध्यक्ष को इस पर उचित कार्रवाई करनी चाहिए। हालाँकि, संजय गायकवाड़ ने अपने व्यवहार को उचित ठहराते हुए कहा कि यदि कैंटीन कर्मचारी दोबारा ऐसा खाना देंगे, तो वह फिर उसी तरह की प्रतिक्रिया देंगे। उनका तर्क है कि 5,000 से 10,000 लोगों की सेहत के साथ समझौता नहीं किया जा सकता। यह बयान भी आलोचना का विषय बन गया है। इस विवाद ने महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान भोजन की गुणवत्ता, जनप्रतिनिधियों के आचरण और प्रशासनिक लापरवाही जैसे मुद्दों को फिर से चर्चा में ला दिया है। विधानसभा अध्यक्ष की ओर से इस पर कार्रवाई की संभावना जताई गई है, जबकि विपक्ष गायकवाड़ के तत्काल निलंबन की माँग पर अड़ा हुआ है। यह प्रकरण सिर्फ विधायक निवास की कैंटीन तक सीमित न होकर राजनीतिक मर्यादा, जवाबदेही और सत्ता के दुरुपयोग पर भी सवाल खड़े करता है।

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