देवेश प्रताप सिंह राठौड़
झांसी। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के मुख्यमंत्री के संकल्प में स्वयं सहायता समूहों की भूमिका बेहद अहम हो सकती है। यह बात कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती मोनिका एस. गर्ग ने रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय प्रांगण में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अपने परिवारों और गांवों के गरीब परिवारों के विकास में भी सक्रिय भागीदारी निभाएं, जिससे समाज के हर वर्ग का उत्थान हो सके। कृषि उत्पादन आयुक्त ने कृषि सखियों के मृदा परीक्षण प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन किया और इस मौके पर महिलाओं को मृदा परीक्षण की विधियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महिलाओं की कृषि क्षेत्र में महती भूमिका है और उन्हें इस क्षेत्र में और भी प्रशिक्षित किया जाना चाहिए, जिससे उनकी आय और आत्मनिर्भरता में वृद्धि हो सके। आयुक्त ने स्वयं सहायता समूहों द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इन समूहों की महिलाएं अपने प्रयासों से न केवल अपने परिवारों का आर्थिक विकास कर रही हैं, बल्कि अपने गांव के अन्य गरीब परिवारों को भी साथ लेकर चल रही हैं। उन्होंने नव निर्वाचित विद्युत सखियों को थर्मल पावर प्रिंटर भी निःशुल्क वितरित किए और समूह की दीदियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। श्रीमती गर्ग ने कहा कि महिलाओं की सक्रिय भागीदारी से प्रदेश का आर्थिक विकास सुनिश्चित होगा। उन्होंने महिलाओं को प्रशिक्षित करने और उनकी आय बढ़ाने के लिए प्रयास करने की अपील की, ताकि वे गरीबी रेखा से ऊपर उठकर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें। कार्यक्रम के दौरान कृषि उत्पादन आयुक्त ने समूह की दीदियों द्वारा प्रदर्शित उत्पादों का अवलोकन किया और राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत सहजन से बने उत्पादों की प्रशंसा की। उन्होंने समूह की महिलाओं को प्रशस्ति पत्र और अन्य लाभार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। इस कार्यक्रम में मिशन निदेशक श्रीमती दीपा रंजन, विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ए.के. सिंह, मुख्य विकास अधिकारी श्री जुनैद अहमद सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।