मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने मंत्रालय में प्रवेश को अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए फेस डिटेक्शन आधारित फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम (एफआरएस) तकनीक लागू कर दी है। इस तकनीक के जरिए अनधिकृत प्रवेश पर रोक लगेगी, जिससे सुरक्षा बढ़ेगी और सरकारी कार्यों में गति और पारदर्शिता आएगी। मंत्रालय में अब केवल अधिकृत व्यक्तियों को ही प्रवेश मिलेगा, जिससे अनधिकृत गतिविधियों पर अंकुश लगेगा और सरकारी कामकाज सुगमता से होगा। अधिकारियों, कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों के लिए इस प्रणाली में पंजीकरण अनिवार्य किया गया है, और फेस डिटेक्शन डेटा को तुरंत अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि कोई भी व्यक्ति प्रवेश से वंचित न रहे। फेशियल रिकॉग्निशन और आरएफआईडी कार्ड आधारित प्रवेश प्रक्रिया के तहत १०,५०० अधिकारियों और कर्मचारियों का डेटा पहले ही सिस्टम में जोड़ा जा चुका है और कार्यान्वयन कंपनी द्वारा मंत्रालय के सभी प्रवेश द्वारों पर यह प्रणाली ‘गो लाइव’ की जा चुकी है। जनवरी २०२५ से सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और संविदा कर्मचारियों को केवल फेशियल रिकॉग्निशन और आरएफआईडी कार्ड के जरिए ही प्रवेश मिलेगा। इस सुरक्षा प्रोजेक्ट को दो चरणों में लागू किया जा रहा है, पहले चरण में मंत्रालय परिसर को एकीकृत सुरक्षा और निगरानी प्रणाली के तहत लाया जाएगा, जबकि दूसरे चरण में सुरक्षा प्रोजेक्ट के विस्तार और वार्षिक रखरखाव को सुनिश्चित किया जाएगा। इसके अलावा, क्षेत्रीय कार्यालयों के अधिकारी और कर्मचारी ‘डिजी प्रवेश’ एप्लिकेशन के जरिए ऑनलाइन एंट्री ले सकेंगे। राज्य सरकार के स्तर पर लागू किए जा रहे इस सुरक्षा प्रोजेक्ट से न केवल सरकारी कामकाज सुगम और अधिक पारदर्शी होगा, बल्कि मंत्रालय में सुरक्षा के नए मानक भी स्थापित किए जाएंगे।