मुंबई। सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी करने वाले द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता उदयनिधि स्टालिन की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। उदयनिधि के खिलाफ विरोध बढ़ने के साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों में द्रमुक नेता के खिलाफ कई मामले भी दर्ज हो चुके है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के महाराष्ट्र आने पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठ रही है। द्रमुक विधायक उदयनिधि के खिलाफ शिवसेना (शिंदे गुट) आक्रामक है, वहीं शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने उदयनिधि स्टालिन को बयान देने के लिए हिदायत दी है। राउत ने कहा कि उदयनिधि स्टालिन एक मंत्री हैं और कोई भी उनके बयान का समर्थन नहीं करेगा और किसी को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए। यह डीएमके का विचार हो सकता है या उनका निजी विचार है। इस देश में लगभग 90 करोड़ हिंदू रहते हैं और अन्य धर्मों के लोग भी इस देश में रहते हैं। उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई जा सकती। बता दें कि डीएमके विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) का हिस्सा है। जिसमें शिवसेना उद्धव गुट भी शामिल है।
उदयनिधि अपने बयान पर कायम
तमिलनाडु के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि ने दावा किया कि ‘सनातन धर्म’ समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है और इसे खत्म कर देना चाहिए। उदयनिधि ने ‘सनातन धर्म’ की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू से की और कहा कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इन्हें नष्ट कर देना चाहिए। कड़े विरोध के बावजूद उदयनिधि स्टालिन अपने इस आपत्तिजनक बयान पर कायम हैं।
सुप्रीम कोर्ट से दखल देने की मांग
बता दें कि डीएमके मंत्री उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ 262 शख्सियतों ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखा है। इन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट से खुद दखल देने की मांग की है। इनमें 14 जज, 130 ब्यूरोक्रेट्स और सेना के 118 रिटायर्ड अफसर शामिल हैं। इन्होंने तमिलनाडु सरकार के खिलाफ स्टालिन पर कोई एक्शन ना लेने के लिए कार्रवाई करने की मांग की है।