
मुंबई। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की शिकायत पर 2929.05 करोड़ रुपये के कथित ऋण चूक मामले में मेसर्स रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम), इसके निदेशक अनिल डी. अंबानी, अज्ञात लोक सेवकों और अन्य के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार, 2,219 करोड़ रुपये के अंतर-कंपनी ऋण लेनदेन कथित रूप से खातों में हेरफेर कर किए गए और स्वीकृत धन का दुरुपयोग कर बैंक के साथ बेईमानी से विश्वासघात किया गया।
भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज
21 अगस्त को दर्ज इस मामले में भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आपराधिक कदाचार के आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि इन कार्यों से बैंक को 2929.05 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। रिलायंस कम्युनिकेशंस, जो दिसंबर 2002 में स्थापित हुई और दिसंबर 2017 में उपभोक्ता मोबाइल सेवा कारोबार से बाहर हो गई थी, को एसबीआई से सितंबर 2012 में 1,500 करोड़ रुपये का नया सावधि ऋण और अगस्त 2016 में 565 करोड़ रुपये का अतिरिक्त अल्पकालिक ऋण मिला था।
फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट से खुलासा
धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ जब फोरेंसिक ऑडिटर मेसर्स बीडीओ इंडिया एलएलपी ने 15 अक्टूबर 2020 को अपनी रिपोर्ट एसबीआई को सौंपी। यह रिपोर्ट 1 अप्रैल 2013 से 31 मार्च 2017 तक की अवधि को कवर करती है। रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी व्यक्तियों ने ऋण सुविधाएँ प्राप्त करने के बाद उनकी शर्तों का उल्लंघन किया और धन को अन्यत्र स्थानांतरित किया।
अंतर-कंपनी हस्तांतरण से धन का विचलन
प्राथमिकी में कहा गया कि आरकॉम, आरआईटीएल और आरटीएल ने बैंक ऋण राशि को आपस में स्थानांतरित किया। आरकॉम ने आरटीएल को 783.77 करोड़ रुपये और आरआईटीएल को 1435.24 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। यह लेनदेन अक्सर सहयोगी कंपनियों के माध्यम से हुए, न कि सीधे आवश्यक कंपनियों को।
अन्य आरोप और अनिल अंबानी का बयान
आरोपों में ऋण निधि के दुरुपयोग, संभावित मार्ग-निर्धारण, बिक्री चालान वित्तपोषण का दुरुपयोग, पूंजीगत अग्रिमों का बट्टे खाते में डालना और काल्पनिक देनदारों का निर्माण शामिल है। 23 अगस्त को सीबीआई ने आरकॉम और अनिल अंबानी से जुड़े परिसरों की तलाशी ली। अंबानी के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि यह मामला दस साल से पुराने मामलों से संबंधित है और संबंधित समय पर श्री अंबानी कंपनी के गैर-कार्यकारी निदेशक थे, दैनिक प्रबंधन में शामिल नहीं थे। उन्होंने आरोपों को चुनिंदा कार्रवाई बताया और कहा कि यह मामला छह वर्षों से विभिन्न न्यायिक मंचों पर विचाराधीन है। श्री अंबानी ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि वह विधिवत अपना बचाव करेंगे और एसबीआई की घोषणा को सक्षम न्यायिक मंच पर चुनौती दी है।