
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने मंगलवार को आरोप लगाया कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्यों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जा रहा है और सदन को सूचित किया कि इसके अध्यक्ष न्यायमूर्ति आनंद निर्गुडे (सेवानिवृत्त) ने भी पद से इस्तीफा दे दिया है। एक मंत्री ने हालांकि दावा किया कि न तो निर्गुडे और न ही आयोग के किसी सदस्य ने कहा कि उन्होंने दबाव में इस्तीफा दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वडेट्टीवार ने जारी शीतकालीन सत्र के दौरान राज्य विधानमंडल के निचले सदन में इस मुद्दे को व्यवस्था के प्रश्न के रूप में उठाया। उन्होंने आरोप लगाया, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष पद पर कार्यरत पूर्व न्यायाधीश आनंद निर्गुडे ने चार दिसंबर को इस्तीफा दे दिया था और सरकार ने नौ दिसंबर को इसे स्वीकार कर लिया। कम से कम चार अन्य लोगों ने (आयोग के सदस्यों के रूप में) अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है, क्योंकि अन्य बातों के अलावा, उन्हें डराया और धमकाया गया था कि कारण बताओ नोटिस जारी किए जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्यों पर दबाव डाला जा रहा है, इसलिए वे अपने पद से हट रहे हैं। इसका जवाब देते हुए राज्यमंत्री शंभूराज देसाई ने कहा, न तो निर्गुडे और न ही किसी अन्य सदस्य ने कहीं भी कहा है कि उन पर पद छोड़ने का दबाव था। मैं इसके बारे में विस्तृत जानकारी लूंगा। जानकारी सदन के समक्ष रखी जाएगी।