
नागपुर। महाराष्ट्र की स्थापना के बाद राज्य प्रशासन, लोककल्याणकारी नीतियों तथा ऐतिहासिक घटनाओं का व्यापक दस्तावेज़ रहे ‘लोकराज्य’ मासिक के दुर्लभ अंकों को अब डिजिटल स्वरूप में उपलब्ध कराया जा रहा है। सूचना एवं जनसंपर्क महासंचालनालय के प्रधान सचिव एवं महानिदेशक ब्रिजेश सिंह ने बताया कि इन अंकों को अंकानुसार ऑनलाइन किया जा रहा है और जल्द ही इन्हें गूगल व अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्मों के माध्यम से शोधकर्ताओं व पाठकों तक पहुँचाया जाएगा, जिससे यह ऐतिहासिक धरोहर वैश्विक स्तर पर सुलभ हो सकेगी। हिवाळी अधिवेशन के अवसर पर विधानभवन परिसर में आयोजित कार्यक्रम में ‘लोकराज्य’ के दुर्लभ अंकों की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। इसी दौरान प्रथम चरण में डिजिटाइज किए गए 50 दुर्लभ अंकों का लोकार्पण भी ब्रिजेश सिंह के हस्ते संपन्न हुआ। कार्यक्रम में प्रभारी उपसचिव अजय भोसले, संचालक (माहिती–प्रशासन) किशोर गांगुर्डे, नागपुर विभाग के संचालक (माहिती) गणेश मुले, संचालक (माहिती–वृत्त व जनसंपर्क) गोविंद अहंकारी, कक्ष अधिकारी युवराज सोरेगांवकर तथा जिल्हा माहिती अधिकारी विनोद रापतवार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। महाराष्ट्र के लोकप्रशासन, नीतिगत निर्णयों और प्रशासनिक विकास के प्रति देशभर के शोधकर्ताओं में विशेष रुचि रही है। ‘लोकराज्य’ ने दशकों से इन सभी पहलुओं का व्यवस्थित संकलन किया है। इसी कारण यह मासिक राज्य के सामाजिक-प्रशासनिक विकास का प्रामाणिक ऐतिहासिक भंडार माना जाता है। ब्रिजेश सिंह के अनुसार, यह डिजिटल पहल महाराष्ट्र के गठन, नीति-निर्माण और विकास यात्रा को दर्ज करने वाले इस महत्वपूर्ण दस्तावेज़ को वैश्विक स्तर पर शोधकर्ताओं, विद्यार्थियों और आम पाठकों के लिए एक क्लिक पर सुलभ बनाएगी।



