
मुंबई। विपक्षी दलों के इंडिया (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) गठबंधन की बैठक में शामिल से पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अडानी समूह से कई सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा कि जी 20 के नेताओं के यहां आने से ठीक पहले वे पूछ रहे होंगे कि यह कौन सी विशेष कंपनी है? भारत जैसी अर्थव्यवस्था में इस सज्जन को मुफ्त यात्रा क्यों दी जा रही है? कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अडानी समूह विवाद पर कहा कि जांच हुई, सेबी को सबूत दिए गए और सेबी ने गौतम अडानी को क्लीन चिट दे दी। तो साफ है कि यहां कुछ गड़बड़ है। उन्होंने आगे कहा कि पहला सवाल यह उठता है कि ये किसका पैसा है? ये अडानी का पैसा है या किसी और का है? इसके पीछे के मास्टरमाइंड विनोद अडानी नामक एक सज्जन हैं जो गौतम अडानी के भाई हैं। पैसे की इस हेरा-फेरी में दो अन्य लोग भी शामिल हैं। एक सज्जन हैं जिनका नाम नासिर अली शाबान अहली है और दूसरे एक चीनी सज्जन हैं, जिनका नाम चांग चुंग लिंग है। तो, दूसरा सवाल उठता है कि- इन दो विदेशी नागरिकों को उन कंपनियों में से एक के मूल्यांकन के साथ खेलने की अनुमति क्यों दी जा रही है जो लगभग सभी भारतीय बुनियादी ढांचे को नियंत्रित करती है। उन्होंने आगे कहा कि यह जी 20 का समय है और यह दुनिया में भारत की स्थिति के बारे में है। भारत जैसे देश के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण बात है कि हमारी आर्थिक स्थिति और यहां संचालित होने वाले व्यवसायों में समान अवसर और पारदर्शिता हो। आज सुबह दो वैश्विक वित्तीय अखबारों ने एक बेहद अहम सवाल उठाया है। ये कोई रैंडम समाचार पत्र नहीं हैं। ये समाचार पत्र भारत में निवेश और शेष विश्व में भारत के बारे में धारणा को प्रभावित करते हैं। कांग्रेस सांसद ने कहा कि अडानी समूह विवाद में कम से कम जेपीजी की अनुमति दी जानी चाहिए और गहन जांच होनी चाहिए। मुझे समझ नहीं आ रहा कि जांच क्यों नहीं हो रही है? जो लोग जिम्मेदार हैं क्या उन्हें सलाखों के पीछे डाल दिया गया है? जी 20 नेताओं के यहां आने से ठीक पहले यह बहुत गंभीर सवाल उठा रहा है। यह महत्वपूर्ण है कि जी 20 नेताओं के आने से पहले इस मुद्दे को स्पष्ट किया जाए।