
गढ़चिरौली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि शिक्षा किसी भी समाज के विकास में, विशेषकर आदिवासियों और पिछड़े वर्गों की स्थिति को बदलने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वह महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में गोंडवाना विश्वविद्यालय के १०वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं। मुर्मू ने राष्ट्रपति बनने के बाद महाराष्ट्र की अपनी यात्रा के दौरान युवाओं को संबोधित करने पर खुशी व्यक्त की। पिछले साल जुलाई में शीर्ष संवैधानिक पद संभालने के बाद मुर्मू की महाराष्ट्र की यह पहली यात्रा है। उन्होंने सभी डिग्री धारकों को बधाई दी और विशेष रूप से छात्राओं की प्रशंसा की। गोंडवाना विश्वविद्यालय के कुल डिग्री धारकों में से ४५ प्रतिशत छात्राएं हैं। उन्होंने छात्राओं की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि यह अन्य छात्राओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण उदाहरण है। मुर्मू ने कहा, ‘‘किसी भी समाज के विकास में शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, खासकर आदिवासियों और पिछड़े वर्गों की स्थिति बदलने में। उन्होंने जिले में आदिवासियों को शिक्षा प्रदान करने और विभिन्न कौशल-आधारित पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए गोंडवाना विश्वविद्यालय की सराहना की। राष्ट्रपति ने कहा कि वह समय-समय पर आदिवासी समुदाय के लोगों से मिलती रहती हैं और उनसे बातचीत के दौरान उन्हें पता चला कि वे अपने बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा चाहते हैं। उन्होंने गढ़चिरौली को देश के प्रगतिशील जिलों में से एक बनाने की वकालत की और आदिवासियों तथा पिछड़े वर्गों से सरकार पर बहुत अधिक निर्भर न रहने की अपील करते हुए कहा कि उनमें भी जीवन में आगे बढ़ने का जुनून होना चाहिए। मुर्मू ने कहा आदिवासियों को भी सबके साथ कंधे से कंधा मिलाकर जीवन में आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा हम आदिवासी समुदाय से बहुत कुछ सीख सकते हैं, वे पर्यावरण से कैसे प्रेम करते हैं, उनकी जीवन जीने की कला अद्भुत है। हमें उनके समग्र विकास की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने आकांक्षी जिलों के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों की भी सराहना की, जिनमें कई आदिवासी बहुल जिले भी शामिल हैं। इस मौके पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि गढ़चिरौली जिले में इस्पात उद्योग में २०,००० करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। फडणवीस ने उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार, गोंडवाना विश्वविद्यालय में अधिक कौशल-आधारित पाठ्यक्रमों की वकालत की। इस अवसर पर उपस्थित केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह गढ़चिरौली के लिए एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि राष्ट्रपति जिले में आई हैं। मंत्री ने जिले में बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर देते हुए कहा कि गढ़चिरौली देश के आकांक्षी जिलों में से एक है।