मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। दिल्ली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले शरद पवार के घर के बाहर कई पोस्टर लगाए गए हैं। पोस्टर में फिल्म बाहुबली के सीन की दर्शाते हुए पीठ पर चुरा घोपते हुए दिखाया गया है। जिस तरफ से कटप्पा ने बाहुबली के पीठ में छुरा घोंपा था उसी तस्वीर का इस्तेमाल कर यहां अजित पवार पर निशाना साधा गया है। पोस्टर में कहा गया है, अपनों में छुपे गद्दारों को जनता माफ नहीं करेगी। दिल्ली में होने वाली कार्यकारिणी की बैठक में शरद पवार के अलावा सुप्रिया सुले समेत और भी कई नेता शामिल होंगे। यह बैठक ऐसे में समय हो रही है जब एनसीपी के बागी अजित पवार के गुट ने पार्टी के चुनाव चिह्न पर अपना दावा ठोक दिया है। अजित पवार ने खुद को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर चुके हैं। अजित पवार का कहना है कि उनके चाचा शरद पवार की उम्र ८३ साल हो गई है, ऐसे में अब उन्हें राजनीति से रिटायरमेंट ले लेना चाहिए और आशीर्वाद देना चाहिए।
वहीं, एनसीपी के कद्दावर नेता छगन भुजबल ने कहा है कि ये सच है कि सरकार में शामिल होने के पहले हमने जो पेपर तैयार करने थे वो किया और चुनाव आयोग को दिया है, अब अजित पवार हमारे नेता हैं और पार्टी अध्यक्ष हैं। पार्टी के कानून और चुनाव आयोग के नियम को ध्यान में रखते हुए हमने सारा निर्णय लिया है।
भुजबल बोले-आखिरी वक्त तक रास्ता निकालते रहे
उन्होंने कहा है कि हम आखिरी वक्त तक रास्ता निकालने में जुटे हुए थे और सुप्रिया ताई भी वही थीं, शुरुआत में जयंत पाटिल और सुप्रिया के साथ भी चर्चा हुई, पवार साहब से भी हुई थी, इस बात का खुलासा अजित पवार ने किया है, लेकिन रास्ता नहीं निकला इसलिए हमें आगे बढ़ना पड़ा। उम्र देखकर मैंने भी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी नहीं ली, मंत्री रह कर जो काम करना है और जो पार्टी लेवल पर काम करना है वो हम कर रहे हैं.
कांग्रेस में होता तो सीएम बना होता
भुजबल ने आगे कहा, शिवसेना छोड़ने के बाद जब में कांग्रेस में था उस वक्त विपक्षी नेता के तौर पर मैं शिवसेना और बीजेपी के साथ लड़ता रहा, मैं कांग्रेस में कई पदों पर काम किया, अगर मैं कांग्रेस में होता तो सीएम बना होता लेकिन में पवार साहब के साथ काम किया बीजेपी की सरकार थी उस वक्त भी मैं उनसे लड़ रहा था, लेकिन ऐसा नहीं था कि छिप कर कोई मंत्री पद मांगने गया था जो करना होता है वो सीधा करता हूं।