
पुणे। महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर से हलचल तेज हो गई है। हलचल के केंद्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार हैं जो कि एकनाथ शिंदे सरकार में उपमुख्यमंत्री बने हुए हैं। इन दोनों नेताओं के बीच शनिवार को पुणे में एक सीक्रेट मीटिंग हुई है। यह मीटिंग एक बिजनेसमैन के आवास पर हुई। माना जा रहा है कि इस बैठक में महाराष्ट्र राकांपा अध्यक्ष (पवार गुट) जयंत पाटिल भी शामिल हुए थे। बताया जा रहा है कि शरद पवार, जयंत पाटिल और अजित के बीच करीब एक घंटे तक सीक्रेट मीटिंग हुई है। हालांकि, बैठक में तीनों नेताओं के बीच किस मुद्दे पर चर्चा हुई और बैठक के पीछे का उद्देश्य क्या था इसे लेकर अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है। एनसीपी नेता अमोल मिटकारी ने भी अनुमानों में ही जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि दोनों नेताओं के बीच यह पारिवारिक मुलाकात हो सकती है। क्षेत्रीय समाचार चैनल द्वारा प्रसारित दृश्यों में शरद पवार दोपहर करीब एक बजे कोरेगांव पार्क क्षेत्र में कारोबारी के आवास पर पहुंचते दिखे। शाम करीब पांच बजे शरद पवार चले गये। लगभग दो घंटे के बाद शरद पवार के भतीजे अजित पवार को शाम पौने सात बजे कैमरे से बचने की कोशिश करते हुए एक कार में परिसर से बाहर निकलते देखा गया। माना जा रहा है कि राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष (पवार गुट) जयंत पाटिल भी बैठक में शामिल हुए। शरद पवार और अजित पवार अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए शनिवार को पुणे में थे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक अतुल भातखलकर ने कहा, उनसे (शरद-अजित और जयंत पाटिल से) पूछना बेहतर होगा कि बैठक के दौरान क्या बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि शरद पवार और अजित पवार परिवार के सदस्य हैं। पिछले महीने महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम में अजित पवार ने शिवसेना-भाजपा सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। अजित के समर्थक राकांपा के आठ विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। राकांपा के 54 विधायकों में से शरद पवार और अजित पवार के नेतृत्व वाले समूहों का समर्थन करने वाले विधायकों की सटीक संख्या ज्ञात नहीं है।