
पटना। विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर बुधवार को बहुप्रतिष्ठित संस्था बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, पटना द्वारा आयोजित ‘हिंदी रत्न’ सम्मान में बिहार के 20 प्रतिष्ठित साहित्य सेवियों को उनके साहित्य के क्षेत्र में अमूल्य योगदान हेतु उन्हें हिंदी रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। इसी अवसर पर सीतामढ़ी की बेटी कवयित्री प्रीति सुमन को उनके निरंतर साहित्य के क्षेत्र में महती योगदान हेतु हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष अनिल सुलभ, न्यायमूर्ति संजय कुमार, दूरदर्शन अधिकारी राजकुमार नाहर ने अंग वस्त्र एवं प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया एवं उनके उज्जवल भविष्य हेतु शुभकामनाएं प्रदान की। ज्ञात हो कि प्रीति सुमन एक कवयित्री के साथ-साथ अभिनेत्री एवं निर्देशिका भी हैं और इन्होंने अनेक प्रतिष्ठित मंचों पर जैसे वाह भाई वाह, इंडिया न्यूज, दूरदर्शन, आकाशवाणी, ओएनजीसी आदि मंचों पर काव्यपाठ कर सीतामढ़ी का नाम काव्य के क्षेत्र में लहराने में सफलता प्राप्त की है। कवयित्री को अनेक राष्ट्रीय संस्थाओं ने पूर्व में भी अनेक सम्मान और पुरस्कार प्रदान किये हैं। कवयित्री ने बताया कि मैं अपनी इस उपलब्धि को अपनी जन्मभूमि सीतामढ़ी और माता सीता के चरणों में समर्पित करती हूं। जानकारी प्राप्त हो कि बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन एक हिन्दी सेवी संस्था है, जो पटना (बिहार) में स्थित है। इसकी स्थापना सन 1919 ई. में की गई थी। इस महत्वपूर्ण सम्मान को प्राप्त करने पर सीतामढ़ी के जिन साहित्यकारों एवं समाजसेवियों ने कवयित्री को बधाई प्रेषित कर हौसला अफज़ाई की उनके नाम इस प्रकार हैं- प्रशाखा पदाधिकारी नेहा भारती, डॉक्टर कल्याणी शाही, रामबाबू नीरव, विमल कुमार परिमल, अरविंद कुमार, संगीता चौधरी, डॉक्टर प्रतिमा आनंद, अभय प्रसाद, सत्येंद्र मिश्र, डॉ राजेश कुमार सुमन, डॉक्टर गणेश राय, रामकिशोर चकवा, बच्चा प्रसाद विह्वल, धीरेंद्र झा माणिक्य, सुरेश लाल कर्ण आदि।