
यवतमाल। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को यवतमाल में दीनदयाल सेवा प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय जयंती समारोह का उद्घाटन किया और कहा कि दीनदयाल सेवा प्रतिष्ठान उनके एकात्म मानव दर्शन और अंत्योदय के विचारों को समाज में जीवंत बनाए रखने का प्रतीक है। इस अवसर पर मृदा एवं जल संरक्षण मंत्री संजय राठौड़, आदिवासी विकास मंत्री प्रो. डॉ. अशोक वुइके, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हसनराज अहीर सहित कई जनप्रतिनिधि और प्रतिष्ठान के पदाधिकारी उपस्थित रहे। सीएम ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने अपना पूरा जीवन समाज के गरीब, वंचित और अंतिम पंक्ति के व्यक्ति के उत्थान के लिए समर्पित किया। उन्होंने कठिन परिस्थितियों में शिक्षा प्राप्त की और सरकारी नौकरी का अवसर ठुकराकर समाजसेवा का मार्ग चुना। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्णकालिक कार्यकर्ता बनने के बाद उन्होंने भारतीय जनसंघ की स्थापना में प्रमुख भूमिका निभाई और राष्ट्रीय अध्यक्ष पद तक पहुंचे, लेकिन जीवनशैली सादगी और त्याग से ही जुड़ी रही। फडणवीस ने कहा कि दीनदयालजी ने पूंजीवाद और साम्यवाद से अलग एक तीसरा विचार प्रस्तुत किया, जिसे ‘एकात्म मानव दर्शन’ कहा गया। इसका मूल सिद्धांत ‘अंत्योदय’ है, यानी समाज के अंतिम व्यक्ति का विकास ही राष्ट्र का विकास है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन्हीं विचारों पर कार्य कर रहे हैं और गरीबों को घर, शौचालय, गैस, बिजली और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। इसी नीति का परिणाम है कि पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए और भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना। मुख्यमंत्री ने दीनदयाल सेवा प्रतिष्ठान के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि पिछले 25 वर्षों में यह संगठन आत्महत्या से पीड़ित किसान परिवारों की महिलाओं और पारधी समाज जैसे वंचित वर्गों के लिए जीवनरेखा साबित हुआ है। प्रतिष्ठान ने शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर इस समाज का कायाकल्प किया है। फडणवीस ने कहा कि दीनदयाल सेवा प्रतिष्ठान प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक मॉडल परियोजना चला रहा है, जिससे किसानों की लागत घटे और मिट्टी की उर्वरता बढ़े। राज्य सरकार ने 25 लाख हेक्टेयर भूमि को प्राकृतिक खेती के अंतर्गत लाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें से अब तक 13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को शामिल किया जा चुका है। इसके अलावा, ‘लखपति दीदी’ योजना के माध्यम से एक करोड़ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का अभियान चलाया जा रहा है।

समारोह से पहले मुख्यमंत्री ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और उनकी प्रतिमा का दर्शन किया। साथ ही, उन्होंने दीनदयाल सेवा प्रतिष्ठान परिसर की विभिन्न परियोजनाओं जैसे प्रशिक्षण संस्थान, छात्रावास, कृषि अनुसंधान केंद्र और शबरी अतिथि गृह का निरीक्षण भी किया।
फडणवीस ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने किसी पुरस्कार के लिए नहीं, बल्कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास की रोशनी पहुंचाने के लिए कार्य किया। उनकी हत्या के बावजूद उनके विचार अमर हैं और आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में वही विचार पूरी दुनिया तक पहुंच रहे हैं।