
मुंबई:(Palghar ) सरकारी स्कूलों में तेजी से घट रही छात्र छात्राओं संख्या को रोकने के लिए डिजिटल स्कूल और क्लास रूम बनाए जा रहे हैं। निजी स्कूलों की स्पर्धा का सामना करने सरकारी स्कूलों का डिजिटाइजेशन करने का सरकारे दंभ भरते नही थक रही। लेकिन डिजिटल शिक्षा के सभी दावे पालघर जिले में हवा – हवाई साबित हो रहे है।डिजिटाइजेशन के लिए स्कूलों में बिजली आपूर्ति भी होनी चाहिए पर आलम यह है कि जिला परिषद के 443 स्कूलों का बिजली कनेक्शन बिल बकाया रहने के कारण कट गया है। इन स्कूलों का करीब 75 लाख रुपए बिजली बिल बकाया है।बिजली कनेक्शन कट जाने के कारण स्कूलों में डिजिटल शिक्षा के लिए कंप्यूटर और अन्य उपकरण धूल फांक रहे हैं।
नही मिल रही निधि
स्कूलों में व्यावसायिक बिजली कनेक्शन जोड़े गए हैं, परंतु घरेलू कनेक्शन के मुकाबले व्यावसायिक बिजली का दर अधिक है। जिससे 1500 के करीब बिजली बिल प्रति स्कूल आता है। स्कूलों की बिजली बिल भरने के लिए स्वतंत्र आर्थिक प्रावधान नहीं है। स्कूल परिसर तथा इमारतों की मरम्मत, रंगरोगन, शौचालयों की स्वच्छता तथा दुरुस्ती के लिए मिलने वाले वार्षिक निधि से बिजली बिल भरने की व्यवस्था की गई है। अगर बिजली बिल पर संपूर्ण निधि खर्च करें तो अन्य खर्च कहां से करें, यह समस्या स्कूलों के सामने खड़ी है। इसी क्रम में बिजली बिल भरने के लिए निधि कम पड़ने से स्कूलों की बिजली कट गई है। जिला परिषद तथा सरकार का बार-बार ध्यान आकर्षित करने पर भी कोई हल नहीं निकल पाया। जानकरो का कहना है, कि जिला परिषद स्कूलों के पास आर्थिक स्रोत नहीं रहने से बिजली बिल भुगतान करने की समस्या है। इसकी स्वतंत्र व्यवस्था होनी चाहिए।
दरअसल जून में स्कूल खुल गए है।
जिले के निजी स्कूलों में डिजिटल क्लास भी इसी के साथ ही शुरू हो गई हैं। लेकिन सरकारी स्कूलों के कनेक्शन काट दिए गए है जिससे उनमें व्यवथा होने के बाद भी ये संभव नहीं हो सका है। यहां बिजली की सप्लाई ना होने से स्मार्ट क्लास चालू नहीं की जा सकी है। स्कूलो का बिजली कनेक्शन काटे जाने से यहां बच्चे पंखें और पानी के बिना ही पढ़ाई करने को मजबूर हैं। सवाल यह उठ रहा है कि आखिरकार इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन है?
किस तालुका के कितने स्कूलों के कटे कनेक्शन
वसई 7
जव्हार 91
विक्रमगढ़ 53
पालघर 13
दहानू 80
तलासरी 64
वाड़ा 68
मोखाड़ा 67
सामाजिक कार्यकर्ता शोभा श्रीवास्तव ने कहा कि स्कूलों में बिजली सप्लाई न होने के कारण बच्चे अंधेरे में शिक्षा लेने को मजबूर है। साथ ही बच्चो के लिए आए इलेक्ट्रानिक उपकरण बिना उपयोग के ही खराब हो रहे है। जल्द स्कूलों के बिजली कनेक्शन को जोड़ा जाए।जिला परिषद के उपाध्यक्ष पंकज कोरे ने कहा कि बकाया बिजली बिल भरकर शीघ्र ही सभी स्कूलों की बिजली सप्लाई शुरू करवाई जायेगी।