मुंबई। कौशल विकास विभाग द्वारा राज्य के 434 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में 15 सितंबर को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के नेतृत्व में ‘संविधान मंदिर समर्पण’ कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा, 20 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य के एक हजार कॉलेजों में ‘आचार्य चाणक्य कौशल विकास केंद्र’ और ‘पुण्यश्लोक अहिल्या देवी स्टार्टअप योजना’ का शुभारंभ करेंगे। यह जानकारी कौशल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने दी।
संविधान मंदिर उद्घाटन समारोह
विश्व लोकतंत्र दिवस के अवसर पर 15 सितंबर को राज्य के 434 आईटीआई में ‘संविधान मंदिर’ का उद्घाटन किया जाएगा। इस समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम का आयोजन मुंबई के एलफिंस्टन टेक्निकल कॉलेज में किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य छात्रों को भारतीय संविधान की शिक्षा देना और बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों को वर्तमान पीढ़ी तक पहुंचाना है।
‘आचार्य चाणक्य कौशल विकास केंद्र’ और ‘पुण्यश्लोक अहिल्या देवी स्टार्टअप योजना’ का शुभारंभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 सितंबर को वर्धा में ‘आचार्य चाणक्य कौशल विकास केंद्र’ और ‘पुण्यश्लोक अहिल्या देवी स्टार्टअप योजना’ का उद्घाटन करेंगे। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जीतन राम मांझी, गिरिराज सिंह सहित महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी मौजूद रहेंगे।
आचार्य चाणक्य कौशल विकास केंद्र
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत ‘आचार्य चाणक्य कौशल विकास केंद्र’ की स्थापना की जा रही है, जहां हर साल 150 युवाओं को निःशुल्क कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इस योजना से राज्य के 1000 कॉलेजों में हर साल 150,000 युवाओं को लाभ मिलेगा।
पुण्यश्लोक अहिल्या देवी होलकर महिला स्टार्टअप योजना
महिला सशक्तिकरण के लिए शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य महिला स्टार्टअप को फंडिंग और वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इसके तहत 1000 महिला स्टार्टअप्स को 25 लाख रुपये तक की सहायता दी जाएगी, जिससे महाराष्ट्र को देश में सबसे अधिक महिला स्टार्टअप फंड वाला राज्य बनाने का लक्ष्य है। मंत्री लोढ़ा ने बताया कि ये योजनाएं न केवल युवाओं के कौशल विकास में मदद करेंगी बल्कि देश के आर्थिक विकास में भी योगदान देंगी। ‘संविधान मंदिर’ के माध्यम से संविधान का महत्व समझाने और कौशल विकास के जरिए युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने का उद्देश्य है।