
निर्मली:(Nirmali) इंडो-नेपाल के निकटवर्ती गांव के लोगों के पास आधारकार्ड,पेनकार्ड,राशनकार्ड, पहचानपत्र के साथ-साथ दोहरी नागरिकता हैं।इसी आधार पर नेपाली गांव के वाशिंदे भारतीय भूभाग में भी मकान बनाकर दोनों देश से मिलने वाले लाभ व अनुदान का बखूबी फायदा उठा रहे हैं।
भारत-नेपाल सीमा से सटे बेरियाघाट,राजपुरा,न्योर,बनिनियां,भीमनगर से लेकर मधुबनी जिला तक दोहरी नागरिकता का कारोबार चल रहा हैं। ऐसा नहीं हैं कि दोहरी नागरिकता नेपाली लोगों की ही हैं। सीमावर्ती गांव के भारतीय लोगों के पास भी दोहरी नागरिकता हैं। हजारों से अधिक भारतीय और नेपाली लोगों के पास नेपाल और भारत दोनों देश की नागरिकता है।
नेपाल के सप्तरी जिला के राजविराज,हनुमान नगर, बतनाहा,बिशनपुर,रमपुरा, बेलही,मलनियां, तिलाठी, ढिकली, प्रसवनी, टेंगरी, भगवतपुर,बरसैंन,सकरपुर,लालापट्टी तीन दर्जन से अधिक गांव के लोग इसका लाभ ले रहे हैं। जिसमें मलनियां और सकरपुरा के लगभग सौ परिवार के लोगों का नाम भारतीय वोटर लिस्ट में दर्ज है।
बताया जाता कि पंचायती राज व्यवस्था में जो लोग चुनाव में अपनी स्थिति मजबूत रखना चाहते हैं। नेपाली नागरिकों की भारतीय मतदाता सूची में नाम दर्ज करवाने में उनकी प्रमुख भूमिका होती है। नतीजतन सैकड़ों नेपाली लोगों का नाम आज भी भारतीय वोटर लिस्ट में दर्ज है। इन लोगों ने आधार कार्ड, पैन कार्ड और राशन कार्ड तक जारी करा रखा है। मनरेगा के जाब कार्ड और पेंशन का भी लाभ उठा रहे है।
नो मेंस लैंड पर हो रही है खेती:
बेरियाघाट, नेपाल के तिलाठी ,राजपुरा और न्योर आदि गांवों में नो मेंस लैंड का अस्तित्व लगभग समाप्त हो गया है। दोनों देश के लोगों ने नो मैंस लैंड को अतिक्रमित कर लिया है। नो मेंस लैंड की जमीन पर खेती की जा रही है। खलिहान के रूप में इसका उपयोग किया जा रहा है।
मोही के तहत जमीन का खेल:
भारत-नेपाल संबंध और पूर्व के कानून के आधार पर दोनों देश के लोगों की पुश्तैनी जमीन एक-दूसरे देश में है। नेपाल के भूमि संबंधी कानून की कड़ाई को देखते हुए अधिकांश भारतीयों ने अपनी जमीन बेच दी। बावजूद इसके कई भारतीयों की जमीन अभी भी नेपाल में है। नेपाली कानून के अनुसार उन जमीनों का मोही नेपाल के नागरिक के नाम से बना है। मोही के तहत उक्त जमीन का एक निश्चित उपज एक एकड़ में 11 किवंटल धान भारतीय भूमि मालिक को दिया जाता है। इसी तरह नेपाली लोगों का जमीन भी भारतीय क्षेत्र में है। रजिस्ट्री (निबंधन) कानून के अनुसार नेपाली लोग भारतीय क्षेत्र में जमीन नहीं खरीद सकते हैं। इन परेशानियों से बचने के लिये नेपाली नागरिक भारत के अपने संबंधियों के सहयोग से गवाह और पहचान की व्यवस्था कर फर्जी आधार कार्ड और मतदाता सूची में भी दर्ज नाम के कारण जमीन की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं।
इस संबंध में एसडीएम संजय कुमार सिंह ने बताया कि साक्ष्य के साथ शिकायत मिलने पर राशनकार्ड डिलीट कर दिया जायेग। और कार्रवाई भी किया जायेगा।