
मुंबई। वसई-विरार महानगरपालिका क्षेत्र में जलापूर्ति योजनाओं को अब बिजली बाधा की समस्या से राहत मिलने वाली है। मानसून के दौरान भारी बारिश और तेज हवाओं के चलते जंगल से होकर गुजरने वाली बिजली लाइन में बार-बार तकनीकी खराबी आने से जलापूर्ति बाधित होती थी। इस समस्या को स्थायी रूप से सुलझाने के लिए 132 केवी अतिरिक्त उच्च दाब सबस्टेशन को मंजूरी दी गई है, जिसकी स्थापना का कार्य नियोजित समय में पूरा किया जाएगा। यह जानकारी ऊर्जा राज्यमंत्री मेघना साकोरे-बोर्डीकर ने विधानसभा में एक प्रश्न के उत्तर में दी। विधायक स्नेहा दुबे द्वारा प्रस्तुत सुझाव में वसई-विरार क्षेत्र में जलापूर्ति करने वाले बांधों को स्थायी और स्थिर विद्युत आपूर्ति की आवश्यकता पर जोर दिया गया था। इसके जवाब में साकोरे-बोर्डीकर ने बताया कि सूर्यनगर और कावड़ास जलापूर्ति योजनाओं के लिए स्थापित किए जा रहे सबस्टेशन में 153 टावरों में से 103 का काम पूर्ण हो चुका है और 34.5 किलोमीटर लंबी बिजली लाइन बिछाई जा चुकी है। वन विभाग से अप्रैल 2025 में आवश्यक अनुमति मिल गई है। राज्यमंत्री ने यह भी कहा कि जब तक नया सबस्टेशन पूरी तरह चालू नहीं हो जाता, दहानू सबस्टेशन से सूर्यनगर और कावड़ास को वैकल्पिक रूप से बिजली आपूर्ति दी जा रही है। साथ ही, भविष्य में तूफानी मौसम के दौरान जलापूर्ति बाधित न हो, इसके लिए जनरेटर व्यवस्था की व्यवहार्यता पर भी विचार किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि सूर्या बांध जलापूर्ति योजना से जुड़े सबस्टेशन का कार्य मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) की मांग के अनुसार MMRDA द्वारा ही किया जा रहा है, और सरकार इसके शीघ्र पूरा होने को लेकर प्रतिबद्ध है। यह सबस्टेशन वसई-विरार क्षेत्र में जलापूर्ति योजनाओं की बिजली आपूर्ति में स्थायित्व और गुणवत्ता सुनिश्चित करेगा, जिससे लाखों नागरिकों को नियमित और निर्बाध जल सेवा प्राप्त हो सकेगी।