नासिक। एनसीपी नेता छगन भुजबल ने हाल ही में शरद पवार परिवार के भीतर दरार के मुद्दे पर चिंता जताई। नासिक में एक भाषण के दौरान उन्होंने इस पर दुख व्यक्त किया और दिवाली के पारिवारिक समारोहों की पुरानी यादों को साझा किया। भुजबल ने कहा, “हर साल दिवाली के दौरान, खासकर पड़वा के दिन, सभी पार्टी के सदस्य और शुभचिंतक पवार साहब से मिलने के लिए एक साथ आते थे। पूरा परिवार वहां होता था। यह पारिवारिक एकता का प्रतीक होता था, जिसमें परिवार की बहुएं और विदेश में रहने वाले परिवार के सदस्य भी शामिल होते थे। लेकिन इस बार का माहौल कुछ अलग है, और यह स्थिति मेरे लिए सुखद नहीं है।” भुजबल ने आगे कहा कि उन्हें उम्मीद है कि चुनावों के बाद परिवार फिर से एकजुट होकर खुशियां मना सकेगा। उन्होंने कहा, “चाहे उनकी राजनीतिक पार्टियां और विचारधाराएं अलग हों, लेकिन पवार साहब ने जो बयान दिए हैं, उनसे यह स्पष्ट है कि वे परिवार को टूटने नहीं देंगे। आगामी चुनावों के बारे में बात करते हुए भुजबल ने अपने भतीजे समीर भुजबल के बारे में भी जानकारी दी। समीर भुजबल नांदगांव मनमाड निर्वाचन क्षेत्र से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। इस संदर्भ में भुजबल ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे को एनसीपी के मुंबई अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की सलाह दी थी। भुजबल ने समीर के चुनावी नारे “भयमुक्त नंदगांव” पर भी जोर देते हुए कहा कि क्षेत्र की स्थिति को देखकर इस नारे की अहमियत और भी बढ़ जाती है। भुजबल ने शिवसेना उम्मीदवार सुहास कांडे की भी आलोचना की और कहा, “नांदगांव में स्थिति बहुत गंभीर है। पिछले पांच सालों में क्षेत्र में कई मामलों के वायरल वीडियो और पुलिस में दर्ज शिकायतों से यहां के हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है। पुलिस पर आतंक और धमकी का असर है, और यह चुनाव के दौरान साफ दिख रहा है। उन्होंने समीर भुजबल की “भयमुक्त नंदगांव” का जिक्र करते हुए कहा कि उनका बेटा क्षेत्र में सुरक्षा और शांति को लेकर काम करने का वादा कर रहा है।