मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने रविवार को कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने और उसे ‘तीर-धनुष’ चुनाव निशान आवंटित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले पर उन्होंने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है तथा वह इसको लेकर चल रहे विवाद में नहीं पड़ेंगे। शुक्रवार को निर्वाचन आयोग ने उद्धव ठाकरे धड़े को उसे आवंटित किए गए शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) नाम एवं चुनाव निशान ‘जलती मशाल’ को महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा उपचुनाव होने तक रखने की अनुमति दी। यह चुनाव निशान इस धड़े को आयोग ने पिछले साल अक्टूबर में अपने अंतरिम आदेश में आवंटित किया था। इस पर, उद्धव ठाकरे ने कहा था कि निर्वाचन आयोग का निर्णय ‘‘लोकतंत्र के लिए घातक” है और वह इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगे। वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आयोग के फैसले को सच्चाई एवं जनता की जीत बताया था। पवार ने शुक्रवार को कहा था कि ‘तीर-धनुष’ निशान चले जाने से शिवसेना के उद्धव ठाकरे धड़े पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि जनता उसके नए चुनाव निशान को स्वीकार करेगी। रविवार को इस मुद्दे पर संवाददाताओं से पूछे जाने पर राकांपा प्रमुख ने पुणे के बारामती नगर में कहा, ‘‘एकनाथ शिंदे धड़े को दिये गये नाम एवं चुनाव निशान से जुड़े विवाद में मैं नहीं पड़ना चाहता। मैं दो दिन पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर चुका हूं।” केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पुणे यात्रा के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता शाह सहकार महासम्मेलन के लिए यहां आए थे। उन्होंने कहा कि मैं इस कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में था। सहकारिता के क्षेत्र में नीतियों एवं मुद्दों के बारे में बातचीत हुई। हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है। मुझे लगता है कि उनके संबोधन में उनकी बातों का सही ढंग से जिक्र किया गया।” मीडिया ग्रुप सकाल द्वारा बैंकिंग और चीनी उद्योग सहकार पर आयोजित सहकार महा सम्मेलन में अपने संबोधन में शाह ने शनिवार को कहा कि सहकारी क्षेत्र को अपनी प्रणाली में सुधार के लिए आत्मनिरीक्षण करना चाहिए तथा इस दिशा में केंद्र से उसे पूरा सहयोग मिलेगा।