भारतीय जनता पार्टी की युवा शाखा के विरोध के बावजूद मुंबई स्थित टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान (TISS) के कई छात्रों ने परिसर के बाहर बीबीसी की विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री देखी। प्रशासन की मौजूदगी में छात्रों के इस तरह से डॉक्यूमेंट्री देखने पर सवाल उठ रहे हैं। भाजपा की मुंबई इकाई के अध्यक्ष और विधायक आशीष शेलार ने घटना की निंदा की। वहीं मुंबई पुलिस ने यह सुनिश्चित करने के लिए कई कर्मियों को तैनात किया था कि कानून और व्यवस्था की समस्या न हो।
पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बादजूद छात्रों ने देखी डॉक्यूमेंट्री
छात्रों ने डॉक्यूमेंट्री “इंडिया: द मोदी क्वेश्चन” की एक सामूहिक स्क्रीनिंग की व्यवस्था करने की योजना बनाई थी । इसलिए उन्होंने इसे शनिवार को लैपटॉप और मोबाइल फोन पर संस्थान द्वारा चेतावनी के बावजूद एक निश्चित समय और स्थान पर देखा। इसकी भनक भाजपा की यूथ विंग के कार्यकर्ताओं को लग गई थी और वे कैंपस के बाहर पहुंच गए। उन्होंने डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग रद्द करने की मांग की और संस्थान के खिलाफ नारेबाजी की।
केंद्र ने पिछले हफ्ते ट्विटर और यूट्यूब पर ब्लॉक करने के निर्देश दिए
वहीं केंद्र ने पिछले हफ्ते सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर और यूट्यूब को डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ के लिंक ब्लॉक करने का निर्देश दिया था। विदेश मंत्रालय ने डॉक्यूमेंट्री को एक “प्रचार टुकड़ा” के रूप में खारिज कर दिया है जिसमें निष्पक्षता का अभाव है और एक औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है। अधिकारी ने कहा कि उचित कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए टीआईएसएस परिसर के बाहर महिलाओं सहित बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। अधिकारी ने कहा कि भाजपा की युवा शाखा ने वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग रोकने के लिए एक शिकायत दर्ज की है, कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है और अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।