
मुंबई : (Mumbai) ऑनलाइन गेम खिलाकर बच्चो का धर्मान्तरण कराने के आरोप में महाराष्ट्र में उत्तरप्रदेश पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किये गए मुम्ब्रा के शाहनवाज उर्फ़ बद्दो को 12 जून को ठाणे के न्यायालय द्वारा 15 जून तक यूपी पुलिस को ट्रांजिट रिमांड पर सौपें जाने के मुद्दे पर ठाणे एनसीपी नेता जीतेन्द्र आव्हाड ने अब योगी सरकार पर कटाक्ष करते हुए आज कहा है कि यह धर्मांतरण के नाम पर मुम्ब्रा को बदनाम करने की साजिश है और इसके लिए उतर प्रदेश सरकार को माफ़ी मांगना चाहिए |
आज ठाणे में जल्दबाजी में बुलाये गए पत्रकार सम्मलेन में एनसीपी के महासचिव जीतेन्द्र आव्हाड ने कहा कि पुलिस को मुंब्रा में धर्मांतरण की कोई शिकायत नहीं मिली है. उसके आधार पर यह महाराष्ट्र को बदनाम करने और महाराष्ट्र में अशांति फैलाकर एक समुदाय को बदनाम करने और इस तरह दो धर्मों के बीच नफरत पैदा करने और मुंब्रा-कौसा को बदनाम करके खुद को बदनाम करने की साजिश थी।
उल्लेखनीय है कि आज मुम्ब्रा निवासी शाहनवाज उर्फ़ बद्दो को जबरन धर्मान्तरण के प्रकरण में उत्तरप्रदेश में न्यायालय ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है | जबकि कि इधर एनसीपी नेता मुम्ब्रा विधायक आव्हाड का दावा है कि ठाणे पुलिस ने घोषणा की है कि मुंब्रा में कोई धर्मांतरण नहीं हुआ है और हमें ऐसी कोई सूचना नहीं मिली है. ।
आव्हाड का यह भी आरोप कि उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक अधिकारी ने कहा कि चार सौ लोगों का धर्मांतरण किया गया। इससे ठाणे पुलिस भी शर्मिंदा है। मुस्लिमों के प्रति नफरत पैदा करने के लिए हिंदू समाज को एक अलग दिशा दी गई। इसका मकसद दो समुदायों के बीच नफरत पैदा करना था।
इसलिए राज्य सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। साथ ही उत्तर प्रदेश को माफी मांगनी चाहिए और ठाणे पुलिस को भी उत्तर प्रदेश सरकार को नाराजगी जताते हुए पत्र भेजना चाहिए |
पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर कि क्या यह दंगे भड़काने की साजिश थी, इस पर आव्हाड ने कहा कि यह दंगे भड़काने की साजिश का हिस्सा था। यहां डर पैदा करने के लिए एक समुदाय की राक्षस के रूप में छवि बनाई गई। यह किस्म बहुत निम्न स्तर की है। इसलिए ही महाराष्ट्र में दंगे हो चुके हैं। कोल्हापुर जहां छत्रपति शाहू महाराज के संस्कार होते हैं; जहां सभी जाति और धर्म के लोगों ने एकजुट होकर एक शहर बसाया था। वहां पत्थर उठाए जा रहे हैं। आज यह दुख की बात है कि वहां पंसारे-एन.डी. पाटिल नहीं हैं; अगर उनमें से दो होते, तो वे सड़कों पर उतर आते और शांति कायम करते |
शाहनवाज की गिरफ्तारी के बारे में पूछे जाने पर मुम्ब्रा विधायक ने कहा कि अगर कोई दोषी हो तो उसे फांसी पर लटका दो. लेकिन एक प्रगतिशील शहर को बदनाम क्यों करें। आप चार सौ लोगों के नाम पर पूरे शहर को कैसे बदनाम कर सकते हैं?
आव्हाड का दावा है फेक न्यूज फैलाई जा रही है। लेकिन अब सच सामने नहीं आया है. पांच दिन बाद भी पुलिस ने सच नहीं बताया है ! जबकि हमने ही सूची मांगी है। लेकिन, पुलिस समय ले रही थी। गाजियाबाद पुलिस बहस कर रही थी। अगर इन पुलिस के सामने ऐसा धर्म परिवर्तन हुआ है तो यह पुलिस की नाकामी है.| एनसीपी नेता आव्हाड ने बताया कि इस संबंध में हम गृह मंत्री को पत्र लिखने जा रहे हैं और महाराष्ट्र के गृह मंत्री से उत्तर प्रदेश सरकार के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त करने के लिए कहेंगे।