
मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के नेता व विधायक जितेंद्र आव्हाड ने भगवान राम के खानपान पर बुधवार को विवादित बयान दिया। जिसके बाद देशभर में संतों व राम भक्तों ने रोष व्यक्त किया। बीजेपी और अजित पवार गुट ने आव्हाड के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। अयोध्या के संत परमहंस आचार्य ने कड़ी कार्रवाई न होने पर आव्हाड का वध तक करने की चेतावनी दी। बवाल बढ़ता देख आव्हाड ने माफी मांग ली है। वरिष्ठ नेता शरद पवार की एनसीपी के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने दावा किया था कि भगवान राम शाकाहारी नहीं थे। बल्कि मांसाहारी थे। उन्होंने 14 वर्ष वनवास में बिताया था। वे शाकाहारी कैसे हो सकते हैं? वह शिकार करके खाते थे। राम बहुजनों के हैं। हम राम के पदचिन्हों पर चलते हैं। एनसीपी शरद गुट ने अहमदनगर जिले के शिरडी में दो दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया है। शिविर के पहले ही दिन बुधवार को आव्हाड ने यह आपत्तिजनक बयान दिया। जब आव्हाड मंच से बोल रहे थे तो शरद पवार और सुप्रिया सुले भी उपस्थित थीं। अहमदनगर में पत्रकारों से बात करते हुए एनसीपी-शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा मैं खेद व्यक्त करता हूं। मैं किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता था।हालांकि उन्होंने फिर दोहराया कि भगवान राम को लेकर उन्होंने जो बातें कही वह वाल्मीकि रामायण में लिखी है। जो 1891 में कोलकाता में छापी गई है। वहीं आव्हाड के बयान पर राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, “एनसीपी नेता जो बोल रहे हैं वो बिल्कुल गलत है। किसी भी शास्त्र में ऐसा नहीं लिखा है कि भगवान जब वनवास के लिए गए थे तो उन्होंने मांस खाया था। सभी जगह लिखा है कि उन्होंने कंद-मूल फल खाए… शास्त्र ही प्रमाण हैं… ये विचार निंदनीय हैं।
बीजेपी ने की गिरफ्तारी की मांग
मुंबई के बीजेपी नेता व विधायक राम कदम ने भगवान राम को ‘मांसाहारी’ बताने वाले बयान के लिए जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुँचाने के लिए आव्हाड के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की है।