Friday, April 19, 2024
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Mumbai: म्हाडा के मुख्य अधिकारी मिलिंद बोरीकर के आने के बाद बेलगाम हुए अधिकारी!

३ ई के तहत कार्रवाई का आदेश होने के बाद भी उप अभियंता तेजश्री चाटूफले नहीं कर रही हैं कार्रवाई

म्हाडा अधिकारी उच्च न्यायालय और सक्षम प्राधिकारी के आदेशों की उड़ा रहे धज्जियां!

एसआरए इमारतो में गैरकानूनी तरीके से फ्लैट खरीदने वालों पर कब होगी कार्रवाई?

संवाददाता
मुम्बई:
(Mumbai) देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई में झोपड़पट्टी पुनर्वसन के एक बड़ी समस्या हैं और झोपड़पट्टी इलाके में दलालो का गिरोह सक्रिय हैं जो पुनर्वसन से पूर्व गरीबो से कम दाम पर झोपड़ी खरीद कर रख लेते हैं और इमारत बनाने पर लाखों में बेचकर मुनाफा कमाते हैं और एसआरए इमारत फ्लैट खरीदने वाले इन दलालो के चक्कर मे फंसकर कम पैसे में गैरकानूनी तरीके से एसआरए के फ्लैट को खरीद लेते हैं। जो एसआरए परिपत्रक १४५ का उल्लंघन है। ऐसे लोगो पर कार्रवाई का आदेश पूर्व में माननीय उच्च न्यायालय ने भी दिया हैं। लेकिन संबंधित विभाग में बैठे अधिकारी दलालो से मिलीभगत कर ऐसे लोगो को संरक्षण देने में जुटे हैं।

जिसमें ताजा मामला सांताक्रुज पूर्व गोलीबार स्थित झोपड़पट्टी पुनर्वसन योजना के तहत बनी ओम शिवशक्ति एसआरए सहकारी गृहनिर्माण संस्था इमारत क्र ८/ब में फ्लैट क्र ३०६, ४०६, ५०५,६०३ व ७०६ में गैरकानूनी तरीके से रहने वाले व्यक्तियों पर महाराष्ट्र झोपड़पट्टी (सु.नि.व.पु) अधिनियम १९७१की धारा ३ई (२) के तहत निष्कासन की कार्रवाई का आदेश दिनांक २१ सितम्बर २०२२ को सक्षम प्राधिकारी व भू व्यवस्थापक नितिन पाटिल ने जारी किया हैं। लेकिन म्हाडा के मुंबई मंडल बांद्रा डिवीजन में कार्यरत पदनिर्देशित अधिकारी व उपअभियंता तेजश्री चाटूफले ने पुलिस बंदोबस्त के लिए पत्र लिखती हैं लेकिन कार्रवाई करने के लिए कोई आता नहीं हैं। निर्मल नगर पुलिस कार्रवाई के लिए पुलिस देने को तैयार हैं लेकिन म्हाडा के अधिकारी कार्रवाई करने के लिए आते नहीं हैं।जिसके चलते उच्च न्यायालय व सक्षम प्राधिकारी के आदेशों को म्हाडा में बैठे अधिकारी धज्जियां उड़ा रहे हैं। वहीं शांति नगर सोसायटी के सचिव गणपत गांवकर ने बताया कि मूल झोपड़ी धारक आज भी बेघर हैं लेकिन गैरकानूनी तरीके से फ्लैट खरीदने वालों को म्हाडा के बांद्रा डिवीजन के कार्यकारी अभियंता अशोक कांजने व उप अभियंता तेजश्री चाटूफले सक्षम प्राधिकारी के आदेशो के बावजूद कार्रवाई नही कर रहे हैं।

इस प्रोजेक्ट में १४ साल से लोग बेघर हैं। तेजश्री चाटूफले ने १९ दिसम्बर २०२२ को गैरकानूनी तरीके से ओम शिवशक्ति एसआरए सहकारी गृहनिर्माण संस्था में फ्लैट खरीदने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस बंदोबस्त मांगा था, लेकिन म्हाडा के अधिकारी पुलिस बंदोबस्त लेने पुलिस के पास नहीं गए। जिसके चलते एक बार फिर कार्रवाई नही हुई। वहीं सूत्रों का दावा है कि जब से म्हाडा के मुंबई मंडल में मुख्य अधिकारी मिलिंद बोरीकर की नियुक्ति हुई हैं तब से अधिकारी बेलगाम हो गए हैं और अपने से ऊपर के अधिकारियों के आदेशो को नहीं मानते और दलालो के इशारे पर काम कर रहे हैं। वहीं सवाल यह उठता हैं कि इन अधिकारियों को उच्च न्यायालय व सक्षम प्राधिकारी के आदेशों का पालन न करने वालो पर क्या मुख्य अधिकारी मिलिंद बोरीकर कार्रवाई करेंगे? या म्हाडा का कार्यभार इसीप्रकार चलाएंगे। धारा ३ई (२) के तहत निष्कासन की कार्रवाई का आदेश दिनांक २१ सितम्बर २०२२ को सक्षम प्राधिकारी व भू व्यवस्थापक नितिन पाटिल ने जारी किया हैं। लेकिन म्हाडा के मुंबई मंडल बांद्रा डिवीजन में कार्यरत पदनिर्देशित अधिकारी व उपअभियंता तेजश्री चाटूफले पुलिस बंदोबस्त के लिए पत्र तो लिखती हैं लेकिन कार्रवाई करने के लिए कोई आता नहीं हैं।

निर्मल नगर पुलिस कार्रवाई के लिए बंदोबस्त देने को तैयार हैं। लेकिन म्हाडा के अधिकारी कार्रवाई करने के लिए आते नहीं हैं। जिसके चलते उच्च न्यायालय व सक्षम प्राधिकारी के आदेशों को म्हाडा में बैठे अधिकारी धज्जियां उड़ा रहे हैं। वहीं शांति नगर सोसायटी के सचिव गणपत गांवकर ने बताया कि मूल झोपड़ी धारक आज भी बेघर हैं। लेकिन गैरकानूनी तरीके से फ्लैट खरीदने वालों को म्हाडा के बांद्रा डिवीजन के कार्यकारी अभियंता अशोक कांजने व उप अभियंता तेजश्री चाटूफले सक्षम प्राधिकारी के आदेशो के बावजूद कार्रवाई नही कर रहे हैं। इस प्रोजेक्ट में १४ साल से लोग बेघर हैं। तेजश्री चाटूफले ने १९ दिसम्बर २०२२ को गैरकानूनी तरीके से ओम शिवशक्ति एसआरए सहकारी गृहनिर्माण संस्था में
फ्लैट खरीदने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस बंदोबस्त मांगा था, लेकिन म्हाडा के अधिकारी पुलिस बंदोबस्त लेने पुलिस स्टेशन नहीं गए। जिसके चलते एक बार फिर कार्रवाई नही हुई।

वहीं सूत्रों का दावा है कि जब से म्हाडा के मुंबई मंडल में मुख्य अधिकारी मिलिंद बोरीकर की नियुक्ति हुई हैं। तब से अधिकारी बेलगाम हो गए हैं और
अपने से ऊपर के अधिकारियों के आदेशो को नहीं मानते और दलालो के इशारे पर काम कर रहे हैं।वहीं सवाल यह उठता हैं कि इन अधिकारियों पर उच्च न्यायालय व सक्षम प्राधिकारी के आदेशों का पालन न करने पर क्या मुख्य अधिकारी मिलिंद बोरीकर कार्रव्ााई करेंगे? या म्हाडा का कार्यभार इसी प्रकार चलाएंगे।

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