मुंबई। माटुंगा का प्रसिद्ध ऑरोरा सिंगल स्क्रीन सिनेमा हॉल, जो शहर के एक ऐतिहासिक मनोरंजन स्थल के रूप में जाना जाता है, अब नीलामी के लिए तैयार है। बुधवार को बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने थिएटर के बाहर एक नीलामी नोटिस लगाया, जिसमें बताया गया कि सिनेमा हॉल का संपत्ति कर 1984-85 से 2024-25 तक बकाया है, जो अब 2.74 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। बीएमसी ने बताया कि नियमों के तहत इस संपत्ति को जब्त कर लिया गया है और अब इसे सार्वजनिक नीलामी में रखा जाएगा। ऑरोरा थिएटर माटुंगा के प्रमुख स्थलों में से एक है, जहाँ वर्तमान में बड़े पैमाने पर पुनर्विकास का काम हो रहा है। बीएमसी ने लोगों को आगाह किया है कि इस सिनेमा हॉल से संबंधित किसी भी खरीद या लेन-देन से दूर रहें, क्योंकि इसकी संपत्ति कर संबंधी देनदारी गिरगांव के फणसवाड़ी निवासी आरबी राउत के नाम पर दर्ज है।
मल्टीप्लेक्स के दौर में ऑरोरा का संघर्ष और कोरोना के बाद की हालत
लगभग 75 साल पुराना यह थिएटर कुछ साल पहले बंद हो गया था और कोरोना महामारी के बाद से इसकी हालत और बिगड़ती गई। मल्टीप्लेक्स के दौर में भी यह थिएटर अपने अद्वितीय आकर्षण के कारण लोकप्रिय रहा। यहां खासकर दक्षिण भारतीय फिल्मों, रजनीकांत की फिल्मों का जश्न बहुत धूमधाम से मनाया जाता था। रजनीकांत की फिल्मों की रिलीज पर फैंस थिएटर को सजाते थे, बड़े-बड़े कटआउट लगाते थे, और यहां तक कि सुपरस्टार के कटआउट पर दूध से “अभिषेक” भी करते थे। यहां मलयालम और दक्षिण भारतीय फिल्मों के साथ-साथ हिंदी और हॉलीवुड फिल्में भी दिखाई जाती थीं। स्थानीय निवासी आर. हरिहरन ने भावुकता से कहा, “मैंने इस थिएटर में बहुत सी फिल्में देखी हैं। वास्तव में, एक पूरी पीढ़ी ने यहां फिल्में देखी हैं। अगर इसे फिर से शुरू किया जाए तो मुझे बहुत खुशी होगी।
ऑरोरा के भविष्य को लेकर अनिश्चितता
ऑरोरा सिनेमा हॉल की नीलामी माटुंगा के निवासियों और पुराने सिनेमा प्रेमियों के लिए एक भावनात्मक क्षण है। यह सिनेमा हॉल न केवल मनोरंजन का केंद्र था बल्कि एक सांस्कृतिक स्थल भी था, जो एक पीढ़ी की यादों का हिस्सा रहा है। अब देखना यह है कि क्या इस ऐतिहासिक स्थल को पुनर्जीवित करने के लिए कोई पहल की जाएगी या यह नीलामी के बाद माटुंगा के पुनर्विकास का हिस्सा बन जाएगा।