Maharashtra : महाराष्ट्र के एक विधायक ओमप्रकाश बाबाराव कडू (Omprakash Babarao Kadu) बच्चू कडू ने असम को लेकर एक ऐसा बयान दिया है, जिसे लेकर बवाल मचा हुआ है। विधानसभा में राज्य में लगातार बढ़ रही कुत्तों की आबादी को लेकर चर्चा के दौरान उन्होने कहा कि राज्य के सभी आवारा कुत्तों असम भेजा जाना चाहिए क्योंकि वहां लोग कुत्ते खाते हैं।
प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता ओमप्रकाश बाबाराव कडू के अनुसार असम के निवासी कुत्तों खाते हैं। यह महाराष्ट्र के लिए विचार करने योग्य विकल्प होगा कि कुत्तों को वहां भेज दिया जाए। उनका यह विवादित बयान विधानसभा के दौरान आया है।
कुत्तों को लेकर विधानसभा में उठा था मुद्दों
महाराष्ट्र विधानसभा में कुत्तों का मुद्दा उठाया गया है। जिसके बाद सरकार ने घोषणा की है कि वह गैर-सरकारी संगठनों की सहायता से कुत्ते गोद लेने की रणनीति लागू करेगी और शहरी और ग्रामीण स्थानीय अधिकारियों की मदद से ऐसे स्थान बनाएगी जहां कुत्तों को बेहतर सुविधा मिल सके। साथ ही सरकार ने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी कुत्तों को गोद लिया जाए। रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार ने स्वीकार किया कि आवारा कुत्तों की आबादी में बढ़ोतरी हुई है और यह एक खतरा बन गया है। सरकार के मुताबिक पूरे महाराष्ट्र में 1.2 मिलियन से अधिक आवारा कुत्ते हैं।
विधायक प्रताप सरनाइक ने विधानसभा में उठाया था मुद्दा
एक रिपोर्ट के मुताबिक विधायक प्रताप सरनाईक ने शुक्रवार को विधानसभा में आवारा कुत्तों की समस्या को उठाया था। प्रताप सरनाइक ने कहा कि प्रशासन की नाकामी के कारण आवारा कुत्तों की संख्या में इजाफा हुआ है। सरनाइक ने कथित तौर पर कहा कि कुत्तों की नसबंदी नहीं की जाती है, न ही उन्हें मनुष्यों के लिए खतरे से बचाने के लिए रखा जाता है। उनकी उचित देखभाल नहीं की जाती है। उन्होंने राज्य से कुत्तों को गोद लेने की नीति बनाने का आग्रह किया ताकि उनकी देखभाल की जा सके।
पशुपालन मंत्री ने कहा जल्द तैयार होगी नीति
विधायक प्रताप सरनाईक के जवाब में पशुपालन मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि एक नीति इस मामले को लेकर एक नीति बनाई जाएगी। विखे पाटिल ने कहा कि वे ऐसे केंद्र स्थापित करने वाले स्थानीय संगठनों की सहायता करके गोद लेने का समर्थन करेंगे। इस बीच जिला स्तर पर पशु जन्म दर को ट्रैक करने के लिए जिला अधिकारियों को आयोग बनाने का निर्देश दिया गया है।
मंत्री ने यह भी कहा कि आवारा कुत्तों के प्रबंधन के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा करने के लिए एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाएगा और पैनल में क्षेत्र आधारित गैर सरकारी संगठनों सहित सभी हितधारकों को शामिल किया जाएगा।