Saturday, June 28, 2025
Google search engine
Homeउत्तर प्रदेशLucknow: करें गांव की सैर और करीब से देखें ग्रामीण जीवन

Lucknow: करें गांव की सैर और करीब से देखें ग्रामीण जीवन

Lucknow

राष्ट्रीय गौ उत्पादक संघ के साथ सिर्फ 500 रुपये में कर सकते हैं गांव की सैर

लखनऊ: (Lucknow) आइए करें गांव की सैर और नजदीक से देखें ग्रामीण जीवन। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए यह एक प्रयास है, जिसमें लोग गांव और खेतों में जाकर पौधों का उगाना देख पाएंगे। प्रकृति और किसान के आपसी रिश्ते से रूबरू हो पाएंगे । साथ ही अपने लोक संगीत,लोक चित्र और लोक परम्पराओं में जीने का अवसर मिलेगा। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय गौ उत्पादक संघ की ओर से किया जा रहा है। इच्छुक लोेगों को इसमें 17 व 18 जून को शहर के करीब ही हरदोई रोड पर स्थित मलिहाबाद तहसील के भदेसरमऊ गांव ले जाया जाएगा।

आयोजक संस्था राष्ट्रीय गौ उत्पादक संघ के संयोजक राधेश्याम दीक्षित ने योजना के उद्देश्य की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इसके जरिए लोगों को एक दिन के ग्रामीण परिवेश से जोड़ना है। वहां एक पूरी तरह से उत्सव को माहौल होगा। शहर की महिलाएं वहां पर रंगोली बनाना और लोक संगीत को सीख सुन पाएंगी और साथ ग्रामीण जीवन को भी समझ पाएंगी। वहीं नई पीढ़ी के युवाओं को प्राकृतिक खेती का अनुभव मिलेगा और खेत में गौ की खाद से उत्पन्न अनाजों के पकवानों का स्वाद भी चखने को मिलेगा। इसके अलावा ग्रामीण खेल, पेड़ों पर झूला झूलना, पेड़ पर चढ़ना, खेतों से सब्जियां तोड़ना, चूल्हे के भोजन का स्वाद भी मिलेगा। यह सब आपको सिर्फ 500 रुपए के खर्च पर मिलेगा।

श्री दीक्षित ने बताया कि इस योजना का एक उद्देश्य गौ आधारित खेती को बढ़ावा देना है। खेतों में गौ उत्पाद ,जैसे गाय का गोबर और मूत्र को डालने के लिए अन्य किसानों को जागृत करना है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना है। उन्होंने बताया कि चूंकि रसायनिक खादों से उत्पन्न अनाज शरीर के लिए हानिकारक होते हैं। हर सब्जी और फलों में कीटनाशकों का स्प्रे होता है, जो स्वस्थ के लिए हानिकारक है। इसी को नजरअंदाज करने के लिए प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करना इसका मुख्य उद्देश्य है।

उन्होंने बताया कि योजना तहत प्राकृतिक खेती से उत्पन्न अनाजों से बनाए गए खाद्य की बिक्री के लिए भी गांव स्तर पर व्यवस्था की जा रही है, जिससे कि परिवहन व्यय बचे और उत्पादन लागत भी घटे। एक तरह से देखा जाए तो गांव के समग्र विकास के लिए एक अच्छा कदम है।

अंत में संयोजक दीक्षित ने बताया कि अभी तक यह योजना उत्तर प्रदेश के 10 जिलों तक में ही की गई है, वहां के किसान आपस में जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि योजना से जहां एक ओर किसानों आर्थिक लाभ मिल पाएगा, जीवन स्तर सुधरेगा, वहीं गांवों से युवाओं को पलायन भी रुकेगा। आगे इसका कार्यक्षेत्र बढ़ाने पर विचार हो रहा है। उन्होंने बताया कि वैसे तो ग्रामीण पर्यटन की योजना 2017 में शुरू हुई थी, लेकिन 2022 से इसने गति पकड़ी है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments