कोलकाता:(Kolkata) अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राष्ट्रीय स्तर पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बेहतर तालमेल के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) ने विशेष पहल की है। पार्टी ने घोषणा की है कि राज्य में आगामी आठ जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारा जाएगा। केजरीवाल ने मई में तृणमूल सुप्रीमो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक की थी। लोकसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर चर्चा हुई थी।
इसके बाद पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद इस बात को लेकर उत्सुकता थी कि बंगाल में खाता खोलने को इच्छुक आम आदमी पार्टी पंचायत चुनाव लड़ेगी या नहीं। फिलहाल पार्टी ने घोषणा की है कि वह पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारेगी।
2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए आप ने राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन बनाने के संदर्भ में बंगाल में तृणमूल की राह में बाधक नहीं बनने का फैसला किया है। आप के केंद्रीय नेता और बंगाल के प्रभारी संजय बोस ने शुक्रवार को कहा कि हमारी असली लड़ाई भाजपा से है, इसलिए हम चाहते हैं कि राज्य में जो पार्टी मजबूत होगी वह लड़ेगी। इसी नीति के कारण हम पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव नहीं लड़ेंगे। यह फैसला पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने लिया है।
संयोग से ममता ने भाजपा विरोधी गठबंधन बनाने के लिए लोकसभा चुनाव के लिए भी यही फॉर्मूला दिया था। जो पार्टी राज्य में सबसे मजबूत होगी वह उस राज्य में चुनाव लड़ेगी। इस तरह बंगाल में तृणमूल मजबूत है, इसलिए वह बंगाल में लड़ेगी। ऐसे में यह भी देखना होगा कि क्या कांग्रेस की दो सीटों बहरमपुर और मालदा मे भी तृणमूल कांग्रेस यही फार्मूला अपनाती है या नहीं। एक सीट से सांसद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी हैं और दूसरे से सांसद अबू हाशम खान चौधरी (डालू) हैं।