काठमांडू:(Kathmandu) पशुपतिनाथ को 2021 (Pashupatinath on 2021) में चढ़ाए गए सोने के जलहरी में हेराफेरी किए जाने की गूंज शुक्रवार को नेपाली संसद में भी सुनाई दी।
सीपीएन (Maoist Centre) के सांसद लेखनाथ दाहाल ने आज संसद में यह मामला उठाते हुए कहा कि पशुपतिनाथ को चढ़ाए गए 11 किलो सोने के गबन के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
दाहाल ने उल्लेख किया कि महालेखा परीक्षक के कार्यालय को एक रिपोर्ट में यह पता चला है कि जलहरी की तैयारी के वक्त सोने में 11 किलो पीतल मिलाई गई थी। जब जलहरी चढ़ाई गई तब ओली प्रधानमंत्री थे। इसके आधार पर सांसद लेखनाथ दाहाल ने इसकी जिम्मेदारी लेने की मांग की।
पशुपतिनाथ में जलहरी घोटाला प्रकरण के लिए सीपीएन (यूएमएल) अध्यक्ष को जिम्मेदार ठहराने के सवाल पर यूएमएल सांसदों ने आज विरोध किया। उन्होंने मंदिर जैसे संवेदनशील मुद्दे पर गंभीर आरोप लगाने के लिए सांसद दाहाल के भाषण को रिकार्ड से हटाने की मांग की।
जब ओली प्रधानमंत्री थे, तब पशुपतिनाथ मंदिर के गर्भगृह में चांदी के जलहरी की जगह सोने का जलहरी लगवाया गया था। इसके लिए सरकार ने 30 करोड़ नेपाली रुपये देने का फैसला किया था।
24 फरवरी, 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी की उपस्थिति में पशुपतिनाथ के गर्भगृह में शिवलिंग में 96 किलो सोने का जलहरी स्थापित किया गया था। यह मुद्दा विवादित था। नेपाल के महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में 10 किलो सोने के गबन का जिक्र है।
माओवादियों ने इस मुद्दे को संसद में उठाया है। जब यूएमएल माओवादी खेमे में भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहा था, तब माओवादियों ने इसके जवाब में पशुपतिनाथ जलहरी का मुद्दा उठाया।