शहर के मध्य हो रही यातायात की समस्या का भी होगा निदान
कानपुर:(Kanpur) कानपुर से फर्रुखाबाद की ओर जाने वाला रेलवे ट्रैक अब अनवरगंज से मंधना तक एलिवेटेड रेलवे ट्रैक हो जाएगा। इसके लिए सहमति बन गई है और राज्य सरकार भी अपने हिस्से का अंशदान करेगी। इस एलिवेटेड ट्रैक के बनने से शहर के मध्य लगने वाले जाम से निजात मिल जाएगी तो वहीं करीब एक दर्जन रेलवे क्रासिंग भी खत्म हो जाएंगी। यह बातें बुधवार को शहर सांसद सत्यदेव पचौरी ने कही।
उल्लेखनीय है कि अनवरगंज से मंधना तक रेलवे ट्रैक पर आईआईटी से अनवरगंज के बीच 16.5 किलोमीटर का रेल ट्रैक 12 सौ करोड़ रुपए से एलिवेटेड किया जाना है। इसके लिए नीति आयोग की ओर से राज्य सरकार को अपना अंशदान देने के लिए पिछले महीने फाइल भेजी गई थी।
पूर्वोत्तर रेलवे के चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर राजीव कुमार की मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा के साथ हुई बैठक के बाद राज्य सरकार के अंशदान पर सहमति लगभग बन गई है। एलीवेटर रेलवे ट्रैक बनने के बाद कालपी रोड, जीटी रोड, पी रोड व अफीम कोठी की ओर सड़कों पर लगने वाले जाम की समस्या खत्म हो जाएगी।
सांसद सत्यदेव पचौरी ने बताया कि यह रेलवे ट्रैक शहर की लाइन लाइफ कही जाने वाली जीटी रोड पर जाम का कारण था। इसको लेकर कई वर्षों से आंदोलन चल रहा था और अन्तत: केन्द्र और प्रदेश में भाजपा सरकार होने से अब इस रेलवे ट्रैक को हटाने की उल्टी गिनती शुरु होने वाली है। इसकी जगह एलिवेटेड रेलवे ट्रैक बनने से शहरवासियों का क्रासिंगों में खराब होने वाला समय बच जाएगा।Delhi: पीएफआई कोऑर्डिनेटर इब्राहिम को बेटी की शादी में शामिल होने के लिए छह घंटे की कस्टडी पैरोल
नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के नेशनल कोआर्डिनेटर इब्राहिम पुथानैथानी को केरल में अपनी बेटी की शादी में शामिल होने के लिए छह घंटे की कस्टडी पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया है। जस्टिस जसमीत सिंह की अध्यक्षता वाली अवकाशकालीन बेंच ने ये आदेश दिया।
इब्राहिम ने अपनी बेटी की शादी के लिए 30 दिनों की अंतरिम जमानत की मांग की थी। इब्राहिम की बेटी की शादी 18 जून को होने वाली है। इसके पहले ट्रायल कोर्ट ने इब्राहिम को बेटी की शादी में शामिल होने के लिए चार घंटे की कस्टडी पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया था।
अप्रैल में एनआईए ने इब्राहिम पुथानैथानी के खिलाफ देशभर में हथियारों की ट्रेनिंग देने का आरोप लगाते हुए चार्जशीट दाखिल की थी।
उल्लेखनीय कि 21 मार्च को दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस दिनेश शर्मा की अध्यक्षता वाली यूएपीए ट्रिब्यूनल ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उससे जुड़े दूसरे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले पर मुहर लगा दी थी। 28 सितंबर, 2022 को केंद्र सरकार ने पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों को पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। केंद्र सरकार ने यूएपीए की धारा 3(1) के अधिकारों के तहत ये प्रतिबंध लगाया था।