
मुंबई। मराठा आरक्षण को लेकर मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने शिंदे सरकार को 24 दिसंबर तक अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने एक बार फिर से चेतावनी दी गई है कि 24 दिसंबर तक आरक्षण लागू करे, अन्यथा आंदोलन तेज होगा। उन्होंने कहा कि कुनबी अभिलेख में 1967 से पहले के सबूत मिले हैं। उनके रक्त संबंधियों, रिश्तेदारों को लाभ मिलना चाहिए। उससे पहले 23 दिसंबर को बीड में जारंग पाटिल की चेतावनी सभा आयोजित की गयी है। सभा सोलापुर रोड पर पाटिल मैदान में होगी। इस सभा से सरकार को जरांगे पाटिल की चेतावनी वास्तव में क्या होगी? यह देखना महत्वपूर्ण होगा। सभा आज दोपहर 2 बजे शुरू होगी। उन्होंने कहा कि अनशन खत्म होने से पहले सरकार के प्रतिनिधि मामले को सुलझाने आए थे। उस समय तय किये गये विषयों के कागजात उनके पास हैं, लेकिन प्रतिनिधिमंडल जवाब नहीं दे सका। 1967 से पहले के रिकार्ड प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि अगर इन दो दिनों में फैसला नहीं हुआ तो हम अगला फैसला लेंगे। मराठा आरक्षण ही एकमात्र ऐसा आरक्षण है, जो कानून के दायरे में फिट होगा। एक बार नोटिस देने के चक्कर में न पड़ें। हमने घोषणा नहीं की है, लेकिन उन्हें लगता है कि हमें मुंबई आना चाहिए। तो हम आते हैं।हमारे आंदोलन के दौरान उन्हें कोरोना हो रहा है। मनोज जारांगे पाटिल ने कहा कि सरकार को समझना चाहिए और बिना वजह उत्तेजित नहीं होना चाहिए।
मनोज जरांगे ने शिंदे सरकार को दी चेतावनी
उन्होंने कहा कि अब हमें सरकार की ओर से नोटिस दिए जा रहे हैं. लेकिन हम आपके नोटिस से नहीं डरेंगे। नोटिस देना बंद करें, नहीं तो आपका आना-जाना मुश्किल हो जाएगा। हमने अभी तक यह घोषणा नहीं की है कि कहां जाना है। तब तक हमें नोटिस मिल रहे हैं। एक बार कॉल करें, दोबारा प्रयास न करें। मनोज जरांगे पाटिल ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि हम अपने बच्चों की भलाई के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हम जाना नहीं चाहते। लेकिन अगर आप जाने का फैसला कर लें तो क्या होगा? क्या मुंबई हमारी नहीं है? क्या हम मुंबई नहीं देखना चाहते? मुंबई में शेयर बाजार नहीं देखना चाहते? आइये देखते हैं कैसे हैं मंत्रियों के बंगले? आइये देखते हैं हीरो-हीरोइन के बंगले। अगर किसी को गिरफ्तार किया जाए तो सभी को उस थाने में जाकर बैठना चाहिए।