
जयपुर:(Jaipur) विधानसभा उपनेता प्रतिपक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने किसान कर्जमाफी को लेकर राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहते हैं कि 85 प्रतिशत घोषणायें और जनघोषणा पत्र के 70 प्रतिशत वादे पूरे कर दिये, जबकि हकीकत यह है कि 70 प्रतिशत से अधिक वादे और घोषणायें साढ़े चार सालों से अधूरी हैं। कांग्रेस सरकार के अंर्तकलह व झगड़े के कारण राजस्थान का विकास पूरा तरह ठप पड़ा है, युवा, किसान, माता-बहनें सभी कांग्रेस के कुशासन से प्रताड़ित हैं। राजस्थान की जनता, किसान, युवा और मातृशक्ति कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस सरकार से इतने प्रताड़ित हो चुके हैं कि इनको एक क्षण भी सहने को तैयार नहीं है, सिर्फ चुनाव का इंतजार है और कांग्रेस सरकार की विदाई की पूरी तैयारी है।
उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ घोषणाओं से नहीं चलती, सॉर्स ऑफ इनकम, निवेश, सरकारी व निजी क्षेत्र में रोजगार, सुदृढ़ कानून व्यवस्था, सुगम परिवहन, सबको इलाज, सबको शिक्षा, युवाओ- किसानों को सहूलियत इत्यादि कार्यों को करने की जरूरत थी, लेकिन राज्य की कांग्रेस सरकार ने ऐसा नहीं किया, मुख्यमंत्री घोषणाजीवी बनने के स्वयं के रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं, यही इनकी उपलब्धि है। कांग्रेस सरकार का कोई मंत्री या विधायक मुख्यमंत्री के खिलाफ बोलता है तो मंत्री को पद से हटा दिया जाता है और विधायकों पर राजद्रोह के मुकदमे दर्ज करा दिये जाते हैं, पीसीसी चीफ और डिप्टी चीफ मिनिस्टर को भी बर्खास्त कर दिया जाता है। कांग्रेस शासन में राजस्थान दुष्कर्म, भ्रष्टाचार, महंगाई, अवैध खनन, साइबर क्राइम, महंगाई, लूट-डकैती, पेपर लीक में नंबर वन है। देश में डीजल-पेट्रोल पर सर्वाधिक वैट राजस्थान में हैं, विधानसभा में कैबिनेट मंत्री जवाब देते हैं कि सरकार की डीजल-पेट्रोल पर वैट कम करने की कोई मंशा नहीं है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में 19 पेपर लीक हो गए, जिससे प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ बार-बार खिलवाड़ हो रहा है, अब मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि पेपर लीक रोकने के लिये कानून को सख्त किया गया है, जिसमें आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है, लेकिन बार-बार पेपर लीक से लाखों युवाओं और उनके परिवारों के सपने तोड़े गये, उनकी कैसे भरपाई करेगी राज्य सरकार? मुख्यमंत्री पेपर लीक मामलों की सीबीआई जांच करवाने से इसलिए डरते हैं क्योंकि पेपर लीक माफियाओं में कांग्रेस सरकार में बैठे हुए तमाम लोग शामिल हैं, जिसमें राजीव गांधी स्टडी सर्किल से जुड़े कई लोग भी पेपर लीक में लिप्त पाये गये।
पूनियां ने कहा कि प्रदेशभर में राहत कैंप के नाम पर 100 यूनिट तक बिजली फ्री देने के रजिस्ट्रेशन सरकार ने करवाये, लेकिन छह गुना तक फ्यूल सरचार्ज के नाम पर सरकार आमजन को आर्थिक भार का झटका दे रही है, राहत कैंप दिखावा मात्र हैं, जिनके नाम पर करोड़ों रुपये सरकार ने पानी की तरह बहा दिये। पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने 2018 के विधानसभा चुनावों में जालोर, हनुमानगढ़ सहित कई जिलों की सभाओं में कहा था कि कांग्रेस की सरकार बनने पर दस दिन में सभी किसानों का पूरा कर्जा माफ कर देंगे, कांग्रेस के घोषणापत्र के पेज नंबर तीन के क्रम संख्या एक के बिन्दु एक में दस दिन में राज्य के किसान का कृषि ऋण माफ करने एवं आर्थिक संकट से राहत प्रदान करने का वादा किया था, जो 1700 दिन से अधिक बीत जाने के बाद भी कांग्रेस सरकार ने पूरा नहीं किया। कर्जमाफी नहीं होने से राजस्थान में 19422 किसानों की जमीनें नीलाम हो गईं, यह सरकार का ही जवाब है।