
मेरठ। मेरठ विकास प्राधिकरण को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की कोशिश लगातार जारी है। शुक्रवार को भ्रष्टाचार के खिलाफ हुई कार्रवाई के तहत तीन कर्मचारियों पर गाज गिरी। रिश्वत मांगने पर मेडा उपाध्यक्ष ने लेखा लिपिक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। अवर अभियंता के खिलाफ जांच के आदेश दिए। एसएसपी को पत्र लिखकर रिपोर्ट दर्ज कराने की सिफारिश की है। इसके अलावा कार्य में ठिलाई बरतने के आरोप में एक मेट को भी निलंबित कर दिया गया है। मेडा उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि सूर्य प्रसाद गुप्ता को पल्लवपुरम में संपत्ति का कब्जा प्रमाण पत्र देने के लिए अवर अभियंता शिव कुमार लगातार रिश्वत की मांग कर रहे थे। इसकी शिकायत पर दोनों को आमने-सामने बुलाकर वार्ता की गई। प्रथमदृष्टया शिवकुमार दोषी पाए गए तो समिति गठित कर उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। शिव कुमार दो दिन मेरठ विकास प्राधिकरण तथा चार दिन बुलंदशहर विकास प्राधिकरण में कार्यरत हैं। बुलंदशहर पत्र भेजकर मामले की जानकारी दी गई है। केंद्रीय सेवा के अंतर्गत आने के कारण उनके निलंबन का अधिकार शासन का है। इसके अलावा चालक रमेश चंद्र ने वीआरएस के लिए आवेदन किया था। लेखा लिपिक अनवर सिद्दीकी उनकी फाइल के निस्तारण के लिए रिश्वत की मांग कर रहे थे। रमेश चंद्र की शिकायत पर पूछताछ की गई। मामले में सफाई नहीं दे पाने पर अनवर सिद्दीकी को निलंबित कर दिया गया। दोनों मामले में एसएसपी को पत्र लिखकर दोनों के खिलाफ अभियोग दर्ज करने की सिफारिश की गई है। इनके अलावा गंगानगर विकास योजना के मेट महिपाल को भी कार्य शिथिलता बरतने के आरोप में निलंबित किया गया है।
निगम में भी वसूली पर चला चाबुक
मेरठ नगर निगम में भी भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती जारी है। शुक्रवार को नौकरी लगवाने और हाउस टैक्स में छूट कराने के नाम पर पैसा मांगने के आरोप पर एक सुपरवाइजर और एक बाबू को निलंबित करने की संस्तुति की गई। यह कार्रवाई नगर निगम की आउटसोर्स महिला कर्मचारी की सुपरवाइजर द्वारा 55 हजार रिश्वत मांगने की अपर नगर आयुक्त से शिकायत पर की गई। पीड़ित महिला शिकायत के साथ फूट-फूटकर रोने लगी। इस पर अपर नगर आयुक्त ने निगम के स्वास्थ्य विभाग के बाबू व सुपरवाइजर को निलंबित करने की संस्तुति करके नगर आयुक्त को रिपोर्ट भेज दी। आउससोर्स महिला कर्मचारी पूनम गोयल नगर निगम परिसर कंट्रोल रूम में तैनात हैं। शुक्रवार को पूनम ने अपर नगर आयुक्त ममता मालवीय से मुलाकात कर वार्डो में सफाई कराने वाले सुपरवाइजर अर्जुन पर हाउस टैक्स पर छूट दिलाकर जमा कराने के नाम पर 55 हजार रुपये लेने का आरोप लगाया। बताया कि नौकरी लगाने और हाउस टैक्स में छूट कराने के नाम पर सुपरवाइजर और कार्यालय में तैनात बाबू लोगों से पैसा ले रहे हैं। महीने में 3-4 शिकायत कंट्रोल रूम में भी आती हैं। अपर नगर आयुक्त ने इस पर नाराजगी जताने के साथ सुपरवाइजर अर्जुन और एक बाबू को तुरंत निलंबन करने की संस्तुति कर नगर आयुक्त को रिपोर्ट भेज दी।
रिश्वत लेने वाले लेखपाल को भेजा जेल
खेत की पैमाइश कराने के नाम पर पांच हजार रुपये की रिश्वत लेने में गिरफ्तार तहसील सदर लेखपाल संघ के अध्यक्ष संदीप यादव को शुक्रवार को जेल भेज दिया गया। विभागीय कार्रवाई करते हुए निलंबित भी कर दिया गया। भावनपुर निवासी रिंकू अधाना से लेखपाल संदीप यादव ने खेत की पैमाइश कराने के नाम पर बीस हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। पांच हजार रुपये शुरूआत में देने की बात तय हुई थी। रिंकू अधाना ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन टीम से की थी। बृहस्पतिवार को रिंकू लेखपाल के पास पांच हजार रुपये लेकर पहुंचा था। रिश्वत के पांच हजार रुपये जैसे ही लेखपाल को दिए तो एंटी करप्शन टीम ने दबोच लिया था।