
राज्य में स्कूलों को उनकी गुणवत्ता के अनुसार रैंकिंग देना महत्वपूर्ण- राज्यपाल रमेश बैस
मुंबई। शिक्षा का उद्देश्य बच्चों को पढ़ाने तक ही सीमित नहीं होना चाहिए बल्कि शिक्षा का मुख्य उद्देश्य छात्रों को एक अच्छा इंसान बनाना होना चाहिए। राज्य में स्कूलों को उनकी गुणवत्ता के अनुसार रैंकिंग देना महत्वपूर्ण है, ऐसा राज्यपाल रमेश बैस ने कहा। ‘शिक्षा’ विषय को प्राथमिकता देने के लिए सरकार को राज्यपाल ने बधाई दी। ‘मुख्यमंत्री मेरा विद्यालय, सुंदर विद्यालय’ अभियान की शुरुआत आज राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की।राजभवन में आयोजित ‘मुख्यमंत्री माझी शाळा, सुंदर शाळा’ यानी ‘मुख्यमंत्री मेरा विद्यालय, सुंदर विद्यालय’ अभियान शुभारंभ कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर, ग्रामीण विकास मंत्री गिरीश महाजन, कौशल विकास मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा प्रमुख रूप से उपस्थित थे। इस अभियान के साथ-साथ, दत्तक स्कूल योजना, महाराष्ट्र में महावचन उत्सव- वाचन मूवमेंट, मेरा स्कूल मेरा गार्डन, स्वच्छता मॉनिटर चरण – 2 जैसी पहल गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिती में शुरू की गई। राज्यपाल श्री बैस ने कहा, शिक्षा ‘मानव निर्माणकारी’ होनी चाहिए, ऐसी स्वामी विवेकानन्द की अपेक्षा थी। यदि कोई गरीब लड़का शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकता तो शिक्षा उसके पास जानी चाहिए। आज के बच्चे भले ही किताबें नहीं पढ़ रहे हों, लेकिन स्मार्ट फोन, इंटरनेट, सोशल मीडिया जैसे विभिन्न माध्यमों से उन्हें ज्ञान और जानकारी मिल रही है। इसलिए छात्रों को संलग्न करने के लिए पुस्तकों के बजाय ऑडियो पुस्तकें, वीडियो पुस्तकें और ई-पुस्तकें तैयार की जानी चाहिए। यह सुनिश्चित करने में शिक्षकों और अभिभावकों की भूमिका महत्वपूर्ण है कि बच्चों को इंटरनेट के माध्यम से केवल सुरक्षित और अच्छी सामग्री मिले। सभी पुस्तकालयों को इंटरनेट, कंप्यूटर सुविधाएं उपलब्ध कराकर उनका कायाकल्प करने की जरूरत है। राज्यपाल ने कहा कि इसके लिए पुस्तकालय अंगीकरण योजना भी शुरू की जाये और पुस्तकालयों का कायापलट किया जाये। साइबर अपराधों से खुद को कैसे बचाया जाए, इस पर विशेषज्ञों के सत्र आयोजित करना भी आवश्यक है। राज्यपाल ने इस शिक्षा मिशन में सरकार की मदद के लिए यूनिसेफ, ‘रीड इंडिया’, ‘प्रथम बुक’ को भी बधाई दी।
हर गांव में आदर्श स्कूल स्थापित किए जाएं
छात्रों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिकने के लिए महाराष्ट्र के स्कूल सर्वोत्तम गुणवत्ता के साथ तैय्यार करेंगे और प्रतिस्पर्धा में टिके रहने के लिए गुणवत्ता का कोई विकल्प नहीं है। हर गांव में आदर्श स्कूल और आदर्श शिक्षा प्रणालि का अवलंब किया जाएगा, ऐसा मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने कहा। मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने कहा, स्कूल शिक्षा विभाग में कई बदलाव किये गये हैं। आज विद्यार्थी सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। यह निजी स्कूलों की तुलना में कम नहीं होना चाहिए। ऐसे मॉडल स्कूल बनाने की शिक्षा विभाग की अभिनव योजना का आज शुभारंभ किया गया। भारत रत्न डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर ने भी ‘सीखो, संगठित हो’ और ‘संघर्ष करो’ का संदेश देते हुए शिक्षा को प्राथमिकता दी। आज का कार्यक्रम बाबा साहब को सच्ची श्रद्धांजलि है। इस अभियान को ‘मुख्यमंत्री मेरा विद्यालय सुन्दर विद्यालय’ नाम देने से मेरी जिम्मेदारी बढ़ गई है और मैं स्वयं इस कार्य पर पूरा ध्यान दूंगा, ऐसा मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने कहा।
