
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने संयुक्त राज्य अमेरिका से आयातित सेब पर सीमा शुल्क में 20 प्रतिशत की छूट देने को लेकर मंगलवार को केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि शिमला में कीमतें बड़े उद्योगपतियों द्वारा नीचे लाई गईं और पूछा गया कि किसे मदद दी जानी चाहिए उन्हें (भारत में सेब उत्पादकों को), या अमेरिका में किसानों को। अपने बयान में प्रियंका ने कहा कि इससे आयात (अमेरिकी सेब का) आसान हो जाएगा और वे आसानी से बेचे जाएंगे।’ शिमला में सेब की खरीद के दाम बड़े उद्योगपतियों ने कम कर दिए हैं। जब यहां सेब उत्पादक परेशान हैं तो किसकी मदद की जाए? वे, या अमेरिका में किसान? वहीं, कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि जब पीएम मोदी प्रधानमंत्री नहीं थे तो वह कहा करते थे कि हिमाचल उनका दूसरा घर है और वाशिंगटन सेब पर 100 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया जाएगा। लेकिन जब वो पीएम बने तो रिपोर्ट के मुताबिक जी 20 के दौरान केंद्र सरकार ने ये फैसला लिया कि वॉशिंगटन के सेब पर सिर्फ 15 फीसदी आयात शुल्क लगाया जाएगा, जो कभी 70 फीसदी था। उन्होंने कहा कि हिमाचल के किसानों ने अडानी के खिलाफ प्रदर्शन किया, तो ये बात पीएम मोदी तक पहुंच गई। पीएम मोदी ने कहा- अगर मेरे मित्र के खिलाफ आवाज उठाई, तो तुम्हें मैं सबक सिखाऊंगा। अडानी और अमेरिका से कमिटमेंट पूरा करने के लिए पीएम मोदी ने अपने किसानों पर चाबुक चलाने का काम कर दिया। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि मोदी जी, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड के अपने सेब किसानों पर चाबुक चला रहे हैं। हिमाचल में अनुमानित 10 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, जहां की जीडीपी का करीब 14 प्रतिशत हिस्सा सेब के बागानों से आता है। आज वहां के लोगों को सहायता की जरूरत है, लेकिन पीएम मोदी 5 लाख से ज्यादा सेब किसानों के साथ नाइंसाफी कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मेजबान हो तो नरेंद्र मोदी जैसा। अमेरिका के राष्ट्रपति हिंदुस्तान आते हैं और अपने देश के किसानों के लिए उपहार लेकर चले जाते हैं। अमेरिका के सेब पर 15 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी कर दी जाती है। मोदी जी, अमेरिका के किसानों को उपहार दे रहे हैं और अपने देश के किसानों पर चाबुक चला रहे हैं।