पुणे। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार के नजदीकी और फाइनेंसर ईश्वरलाल जैन के घर और दफ्तर पर रेड के बाद जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईड़ी) को उनके ठिकाने से भारी मात्रा में अवैध रूप से जमा संपत्ति के दस्तावेज समेत मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। महाराष्ट्र के 3 जिलों में जैन के ठिकानों पर ईडी की रेड में करीब 40 किलो सोना, 24.70 करोड़ की हीरे के जेवर और 1.11 करोड़ रुपये कैश के रूप में मिले हैं। जांच एजेंसी ईडी की ओर से यह कार्रवाई सीबीआई द्वारा दर्ज की गई 3 अलग-अलग एफआईआर के बाद की गई थी। एफआईआर में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) बैंक से लोन लेकर उसे नहीं चुकाने करने और हेरफेर करने के मामले दर्ज हैं। पूर्व सांसद जैन के परिवार की ओर से चलाए जा रहे महाराष्ट्र के आभूषण ग्रुप और उसके मालिकों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत सर्च ऑपरेशन चलाया गया था।
17 अगस्त को डाली गई थी रेड
ईडी के मुताबिक, एजेंसी की ओर से बैंक लोन फ्रॉड के मामले में यह छापेमारी 17 अगस्त को (राजमल लखीचंद ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड, मनराज ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड, आर एल गोल्ड प्राइवेट लिमिटेड और उनके प्रवर्तकों) एनसीपी के पूर्व राज्यसभा सांसद ईश्वरलाल शंकरलाल जैन लालवानी (77), उनके परिवार के अन्य सदस्यों के जलगांव, नासिक और ठाणे स्थित 13 ठिकानों पर की गई थी। तलाशी के दौरान, ईडी ने बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज भी जब्त किए हैं। 24.7 करोड़ रुपये मूल्य के हीरे के जेवर और 39.33 kकिलो सोना बरामद हुआ है जबकि 1.11 करोड़ रुपये कैश के रूप में मिले हैं। ईडी ने आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी करने, जालसाजी और आपराधिक कदाचार से जुड़े अपराधों के लिए इन कंपनियों और उनके प्रमोटरों के खिलाफ सीबीआई की ओर से दर्ज किए गए 3 एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। बैंकों के अनुसार आरोपी लोगों ने जानबूझकर एसबीआई से अपने लोन नहीं चुकाए। इससे एसबीआई को 352.49 करोड़ रुपये (ब्याज सहित) का नुकसान हुआ।
50 करोड़ की संपत्ति का खुलासा
जांच में यह भी पता चला है कि 3 आरोपी कंपनियों के प्रमोटरों ने मिलीभगत की और फर्जी लेनदेन में लगे हुए थे। साथ ही जांच में मोबाइल फोन से संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए हैं, जो मनीष जैन द्वारा नियंत्रित रियल एस्टेट कंपनी में लक्जमबर्ग स्थित यूनिट से 50 मिलियन यूरो के एफडीआई प्रस्ताव का संकेत देते हैं। सर्च के दौरान राजमल लखीचंद ग्रुप से संबंधित ऐसी 60 संपत्तियों की जानकारी मिली है, जिनकी कीमत 50 करोड़ रुपये से अधिक है। साथ ही जामनेर, जलगांव और आसपास के क्षेत्रों में स्थित राजमल लखीचंद मनीष जैन के स्वामित्व वाली 2 बेनामी संपत्तियां भी मिली है। फिलहाल मामले में आगे की जांच जारी है।