Friday, November 21, 2025
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महाराष्ट्र-आयोवा के बीच ऐतिहासिक साझेदारी, कृषि और तकनीक में खुलेगें नए रास्ते: देवेंद्र फडणवीस

मुंबई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को अमेरिका के कृषि-प्रधान राज्य आयोवा के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी महाराष्ट्र और आयोवा के बीच कृषि, जैव प्रौद्योगिकी, वित्तीय सेवाएं, नवीकरणीय ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे सहित कई क्षेत्रों में सहयोग के नए द्वार खोलेगी। मुंबई के ताज पैलेस होटल में मुख्यमंत्री फडणवीस और आयोवा की गवर्नर किम रेनॉल्ड्स की उपस्थिति में यह समझौता हुआ। इस मौके पर मुख्य सचिव राजेश कुमार, कृषि सचिव माइक नाइग, आयोवा विकास प्राधिकरण की निदेशक डेबी डरहम सहित दोनों पक्षों के अधिकारी और प्रतिनिधि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री फडणवीस का बयान
फडणवीस ने कहा-आयोवा विनिर्माण और कृषि प्रौद्योगिकी में अग्रणी है। उनके अनुभव से महाराष्ट्र के किसानों, छात्रों और उद्यमियों के लिए नए अवसर बनेंगे। यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वैश्विक सहयोग और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी’ के दृष्टिकोण के अनुरूप है। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र और आयोवा के बीच प्रतिनिधिमंडल हर साल परस्पर दौरे करेंगे, जिससे दीर्घकालिक साझेदारी को गति मिलेगी।
आयोवा की गवर्नर का वक्तव्य
राज्यपाल किम रेनॉल्ड्स ने कहा- भारत के सबसे गतिशील राज्यों में से एक, महाराष्ट्र के साथ साझेदारी करना हमारे लिए गर्व की बात है। यह समझौता नवाचार और आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देगा तथा औद्योगिक और शैक्षिक परियोजनाओं के लिए नए अवसर खोलेगा।
समझौते से मिलने वाले लाभ
कृषि में आधुनिक तकनीक: आयोवा की उन्नत मशीनरी और शोध से महाराष्ट्र की उत्पादकता बढ़ेगी।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग: किसानों को बेहतर मूल्य और निर्यात के अवसर मिलेंगे।
डिजिटलीकरण व स्मार्ट गवर्नेंस: ई-सेवाओं और डिजिटल कृषि को बढ़ावा।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार: अनुसंधान व प्रशिक्षण से ग्रामीण-शहरी स्वास्थ्य मजबूत होगा।
कौशल विकास व रोजगार: नए प्रशिक्षण कार्यक्रम और औद्योगिक सहयोग से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
नवीकरणीय ऊर्जा: स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाएं प्रदूषण कम करेंगी और सतत विकास को बढ़ावा देंगी।
पर्यटन और खेल: सांस्कृतिक आदान-प्रदान और खेल आयोजन को बढ़ावा मिलेगा।
शिक्षा और अनुसंधान सहयोग: विश्वविद्यालयों के बीच संयुक्त परियोजनाओं से छात्रों को विश्वस्तरीय अनुभव।
आर्थिक निवेश: अमेरिका और भारत की कंपनियों के बीच प्रत्यक्ष साझेदारी व निवेश को बढ़ावा।

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