
मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने वेब सीरीज ‘द रेलवे मैन-द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ भोपाल 1984’ के प्रदर्शन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और कहा कि इस घटना का विवरण पहले ही सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध है। न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की अवकाशकालीन पीठ ने 15 नवंबर को यूनियन कार्बाइड इंडिया के दो पूर्व कर्मचारियों की याचिकाओं को खारिज कर दिया जिन्होंने दावा किया था कि इस वेब सीरीज में उन घटनाओं का चित्रण किया गया है जिनकी वजह से त्रासदी हुई और इससे उनके प्रति पूर्वाग्रह हो सकता है। याचिकाकर्ताओं में से एक उत्पादन प्रबंधक के रूप में एमआईसी संयंत्र का प्रभारी था, और दूसरा यूसीआईएल के कीटनाशक कारखाने का प्रभारी था। याचिकाकर्ताओं सत्य प्रकाश चौधरी और जे मुकुंद को मामले में दोषी ठहराया गया था। बाद में उन्होंने दोषसिद्धि के खिलाफ अपील दायर की जो लंबित हैं। उच्च न्यायालय ने वेब सीरीज के प्रदर्शन पर स्थगन से इनकार करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता ‘बहुत मजबूत और दमदार तरीके से प्रथम दृष्टया यह मामला बनाने में विफल रहे हैं कि वेब सीरीज में अपमानजनक, निंदनीय या अपमानजनक सामग्री है’।