
हिचकी अचानक कभी भी शुरू हो जाती हैं और कई बार काफी कुछ करने के बाद भी बंद नहीं होती। हिचकी को आमतौर पर किसी के याद करने से जोड़ा जाता है। हालांकि वजह तो यह नहीं होती लेकिन ऐसा यूं ही नहीं कहा जाता इसके पीछे भी एक एक वजह भी है। तो आइए जानें हिचकी आने से जुड़ी सभी बातों के बारे में।
अक्सर जब भी हमें हिचकी आती है, तो हम यही सोचते हैं कि कोई खास हमें याद कर रहा है। दिल को खुश करने के लिए ये ख्याल अच्छा है लेकिन इसकी वैज्ञानिक वजह कुछ और ही होती है। असल में हिचकी तब आती है जब हमारी सांसों और पाचन क्रिया में किसी तरह की गड़बड़ी हो जाए। हिचकी आने पर इसे रोकने की कोशिश करनी चाहिए। आमतौर पर हिचकी कुछ ही देर में अपने आप ठीक हो जाती है। लेकिन, अगर यह लंबे समय तक रुके नहीं, तो इसका इलाज जरूरी हो जाता है।
क्यों आती है हिचकी
डायाफ्राम एक मांसपेशी है, जो सांस लेने के अंगों को पाचन क्रिया के अंगों से अलग करती है। जब आप सांस लेते हैं, तो आपका डायाफ्राम सिकुड़ता है और फेफड़ों को हवा भरने के लिए जगह मिलती है। जिसके कारण आप सांस ले पाते हैं। सांस छोड़ते समय यह आराम की स्थिति में आ जाता है। जब किसी परेशानी के कारण इस डायाफ्राम में अनैच्छिक सिकुड़न या ऐंठन हो जाए तो, आवाज निकालने वाली नली जिसे वोकल कॉर्ड भी कहते हैं, वह कुछ समय के लिए बंद हो जाती है, जिससे ’हिक’ या ’हिच’ की आवाज आती है। इसी समस्या को ही आम भाषा में हिचकी या अंग्रेजी में हिकप्स और विज्ञान में सिंगुल्टस कहते हैं।