मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में स्वास्थ्य से जुड़ी एक चिंता बढ़ाने वाली खबर सामने आई है। यहां हर रोज हार्ट अटैक से २६ और कैंसर से २५ लोगों की मौत के आंकड़े सामने आए हैं। ये आंकड़े २०२२ की आरटीआई रिपोर्ट में सामने आए। इस साल किस बीमारी से कितने लोगों की मौत हुई, आरटीआई के तहत इसकी जानकारी मांगी गई थी। इस रिपोर्ट में कोरोना की वजह से होने वाली मौतों की संख्या उनसे कम दिखाई दी। लेकिन हार्ट अटैक से हर रोज शहर में २६ लोगों की मौत का आंकड़ा सामने आया। २०२० में कोविड से मुंबई में १० हजार २८९ लोगों की मौत हुई। २०२१ में ११ हजार १०५ मौतें हुईं। २०२२ में मौतों की संख्या १८९१ तक पहुंच गई। २०२२ में टीबी की वजह से भी कई मौतें हुईं। इस साल टीबी से ३ हजार २८१ मरीजों की मौत हुई। २०१८ में यह संख्या ४ हजार ९४० तक थी।
आरटीआई में हुआ खुलासा, हार्ट अटैक से मरने वालों की तादाद सबसे ज्यादा
मुंबई के चेतन कोठारी नाम के आरटीआआई कार्यकर्ता ने यह जानने के लिए कि मुंबई में किस बीमारी से कितने लोगों की मौत हो जाती है, आरटीआई दायर किया था। मुंबई महानगरपालिका के स्वास्थ्य विभाग से यह जानकारी देने की मांग की गई थी। इससे जो रिपोर्ट सामने आई उसके मुताबिक हार्ट अटैक से साल २०२२ में सबसे ज्यादा मौत होने की बात सामने आई।
बदलती हुई जीवन शैली बन रही है हार्ट अटैक बढ़ाने की वजह-रिपोर्ट
हार्ट अटैक और उससे होने वाली मौतें मुंबईकरों के लिए चिंता का मुद्दा बनता जा रहा है। केईएम अस्पताल के डॉक्टर प्रफुल्ल केरकर के मुताबिक बड़ी चिंता की बात तो यह है कि हार्ट अटैक से मरने वालों में बड़ी तादाद युवाओं की है। विश्व स्तर की बात करें तो हार्ट अटैक से मरने वालों की तादाद दुनिया भर में बढ़ी है। युवाओं में हार्ट अटैक से होने वाली मौतों की संख्या सबसे ज्यादा दिखाई दे रही है। चलने-फिरने में कमी, पोषक आहार ना लेने, टाइमली खाना ना खाने, घर से बाहर निकलते ही एसी वाली गाड़ी में सफर करने जैसे कई कारण ऐसे हैं जो आधुनिक समय के जीने के तरीके की ओर इशारा करते हैं। ये सारी चीजें हार्ट अटैक को बढ़ावा देने में मददगार साबित हो रही हैं।