हल्द्वानी: (Haldwani) उत्तराखंड में आंचल दूध से बनने वाले उत्पादों की मार्केटिंग के लिए राज्य सरकार ब्रांडेड डेयरी प्रोडक्ट्स की तर्ज पर अब प्रदेश में 500 आंचल मिल्क कैफे बनाएगी। इसको लेकर तराई में बसे जनपद ऊधमसिंह नगर, देहरादून, नैनीताल व हरिद्वार में अत्याधुनिक तरीके से आंचल के मिल्क कैफे तैयार किए जा रहे हैं। आंचल मिल्क कैफे का संचालन स्थानीय क्षेत्रवासियों द्वारा किया जाएगा। इससे एक तरफ जहां स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा, वहीं दूसरी तरफ दुग्ध उत्पादक भी आर्थिक रूप से सशक्त होंगे और डेयरी विभाग को मिल्क कैफे के जरिए होने वाली आय से किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।
दुग्ध संघ अध्यक्ष मुकेश बोरा ने बताया कि आंचल मिल्क कैफे के माध्यम से उत्तराखंड का डेयरी विभाग उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता युक्त उत्तम दुग्ध उत्पाद उपलब्ध करवाएगा। वो भी ब्रांडेड डेयरी प्रोडक्ट्स के मूल्यों की तुलना में कम दामों पर होगा।
बोरा ने बताया कि फिलहाल राज्य सरकार ने वर्ष 2025 तक राज्य में 500 आंचल मिल्क कैफे बनाने का लक्ष्य रखा है और प्रथम चरण में राज्य के देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले में आंचल दूध से बने उत्पादों की मार्केटिंग के लिए इस तरह के आंचल कैफे खोले जाएंगे। अमूल, मदर डेयरी और आनंदा डेयरी की तर्ज पर राज्य में आंचल ब्रांड के दूध, पनीर, लस्सी, दही, आइसक्रीम, घी और मक्खन जैसे उत्पादों को खुले बाजार में अच्छी गुणवत्ता के साथ बेचेगा। ब्रांडेड प्रोडक्ट्स को टक्कर देते हुए राज्य का दुग्ध विकास विभाग अब मिल्क कैफे के माध्यम से खुले बाजार में कंपटीशन के लिए तैयार है।