
मुंबई। महाराष्ट्र उर्दू साहित्य कला अकादमी के स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर वर्ली डोम में आयोजित तीन दिवसीय साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समारोह का उद्घाटन अल्पसंख्यक विकास एवं औकाफ मंत्री एडवोकेट माणिकराव कोकाटे ने किया। उन्होंने घोषणा की कि उर्दू घर का नवीनीकरण किया जाएगा और उर्दू स्कूलों व छात्रावासों की संख्या बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। इस अवसर पर “उर्दू की दुनिया” प्रदर्शनी का उद्घाटन भी हुआ। समारोह में पूर्व मंत्री नवाब मलिक, अनीस अहमद, विधायक सना मलिक, पूर्व विधायक जीशान सिद्दीकी, पंजाबी साहित्य अकादमी के अध्यक्ष मार्क सिंह, गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर, औकाफ बोर्ड के अध्यक्ष समीर काजी सहित कई अधिकारी व साहित्यकार उपस्थित थे। अध्यक्ष ने बताया कि उर्दू साहित्य अकादमी ने 450 से अधिक साहित्यिक कार्यक्रम, 250 से अधिक कवि सम्मेलन, 150 कार्यशालाएँ और 100 पुस्तक प्रकाशन किए हैं, जिससे उर्दू साहित्य की परंपरा को समृद्ध किया गया है। महाराष्ट्र में सात प्रतिशत लोग उर्दू बोलते हैं और 25 से अधिक उर्दू दैनिक समाचार पत्र संचालित हो रहे हैं। “उर्दू लर्निंग ऐप” के माध्यम से प्रतिवर्ष 50 हजार छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा दी जाती है और 1800 उर्दू स्कूलों में नौ लाख छात्र पढ़ाई करते हैं। कार्यक्रम में दो पुस्तिकाओं- उर्दू सीखे और मराठी शिकुइया का अनावरण हुआ। मंत्री कोकाटे ने कहा कि शिवाजी महाराज, महात्मा ज्योतिराव फुले, शाहू महाराज और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जैसे महापुरुषों ने समावेशिता, शिक्षा और संस्कृति के मूल्यों को स्थापित किया। उन्होंने कहा कि उर्दू सिर्फ एक भाषा नहीं बल्कि संस्कृति की खुशबू और विचारों का पुल है। अकादमी के अध्यक्ष ने बताया कि पिछले चार वर्षों में 200 लेखकों, कवियों और 48 पुस्तकों के रचनाकारों को पुरस्कार प्रदान किए गए हैं। आगामी दो दिनों में मुशायरा, ग़ज़ल, सूफ़ी संगीत, नाटक, सेमिनार और पुस्तक प्रदर्शनी जैसे कार्यक्रम आयोजित होंगे। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने पत्र के माध्यम से उर्दू भाषा की महत्ता का वर्णन करते हुए इस महोत्सव के लिए शुभकामनाएँ दीं और कहा कि यह महाराष्ट्र की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। इस आयोजन ने मराठी और उर्दू भाषाओं के बीच साहित्यिक संवाद को और मजबूती दी है और उर्दू साहित्य के स्वर्णिम सफर का जश्न मनाया गया।




