कहते हैं अगर कुछ करने की चाहत है तो आप हर हाल में कर सकते हैं. ऐसी ही कुछ चाहत 10वीं क्लास की छात्रा मुबश्शिरा सैय्यद में देखने को मिली है. मुबश्शिरा के दृढ़ संकल्प को सभी देखते रह गए. जब उसने एंबुलेंस में लेटकर अपनी एसएससी (senior secondary school) की परीक्षा दी. जानकारी के मुताबिक बांद्रा में अंजुमन-ए-इस्लाम के डॉ एमआईजे गर्ल्स हाई स्कूल की एक छात्रा मुबश्शिरा सैय्यद जब शुक्रवार (17 मार्च) को स्कूल से घर जा रहीं थी तब एक कार उसके बाएं पैरपर चढ़ गई. इस वजह से उसके पैर में चोट लग गई.
कार ड्राइवर और उसके दोस्त उसे पास के हॉस्पिटल ले गए, जहां उसी दिन ऑपरेशन किया गया. डॉक्टरों ने उसे दो सप्ताह तक पूरी तरह आराम करने की सलाह दी और रविवार (19 मार्च) को अस्पताल से छुट्टी दे दी. फिर मुबश्शिरा ने सोमवार (20 मार्च) को एंबुलेंस में लेटकर एग्जाम दिया. बैठ न पाने के कारण सैय्यद अपने एग्जाम के आंसर किसी को बता रहीं थी और कोई उसे लिख रहा था. मुबश्शिरा ने कहा कि आंसर शीट पर विचार लिखना किसी को आंसर बताने से अलग है. मुझे खुशी है कि मुझे परीक्षा में शामिल होने का मौका मिला.
नहीं गंवाना चाहती थी ये अवसर
मुबश्शिरा ने कहा, मैं इस मौके को गंवाना नहीं चाहती थी. केवल दो घंटे से ज्यादा समय आंसर लिखते देखना अजीब लगता था. जानकारी के अनुसार मुबश्शिरा अपने आखिरी के दो पेपर 23 मार्च और 25 मार्च को है वो भी एम्बुलेंस में ही देगी. मुबश्शिरा के इलाज के खर्च में मदद करने के लिए शिक्षकों ने पैसे जमा किए हैं.
मुबश्शिरा के पेपर लिखने के लिए क्लास 9 की छात्रा नूर सबा अंसारी ने खुद से इच्छा जताई. मुबश्शिरा को सुबह एम्बुलेंस से एग्जाम सेंटर पर ले जाया गया. करीब दो घंटे में दोस्त की मदद से पेपर लिख लिया. सेंट स्टैनिस्लास की प्रिंसिपल सिस्टर एरोकि अम्मल एंथोनी ने बताया कि एक पुलिस वाला और एक चपरासी पेपर के दौरान एंबुलेंस के बाहर खड़े रहे थे.