Friday, December 27, 2024
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गौतम अडाणी ने मुंबई में शरद पवार से मुलाकात की, दोनों की बंद कमरे में दो घंटे तक बात

मुंबई। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार उद्योगपति गौतम अडानी और पीएम नरेंद्र मोदी के संबंधों को लेकर सवाल कर रहे थे। लेकिन कांग्रेस की सहयोगी पार्टी एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने गौतम अडानी को डिफेंड करते हुए देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर और इकॉनॉमी में उनके योगदान का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि विदेशी एजेंसियों की रिपोर्ट की नीयत और विश्वसनीयता पर भरोसा नहीं किया जा सकता। इसके बाद गुरुवार को गौतम अडानी ने शरद पवार से उनके सिल्वर ओक बंगले में जाकर मुलाकात की। दोनों की बंद कमरे में दो घंटे तक बात हुई। अब अडानी और पवार के मुलाकात की चर्चा मुंबई से लेकर दिल्ली तक हो रही है। बताया जा रहा है कि दोनों की मुलाकात के दौरान एनसीपी का एक भी नेता वहां मौजूद नहीं था। इस खास मुलाकात में शरद पवार और गौतम अडानी ही शामिल थे। ऐसे में दोनों के बीच क्या बातें हुईं, किसी को उसकी नहीं खबर है। लेकिन दोनों के बीच मुलाकात राजनीतिक गलियारों की एक बड़ी खबर है।
अडानी-पवार मुलाकात एक बड़ी खबर, लेकिन हुई क्या बात, किसी को नहीं खबर
गौतम अडानी सुबह १० बजकर १० मिनट में शरद पवार से मिलने उनके मुंबई स्थित सिल्वर ओक निवास पर पहुंचे। बता दें कि एनसीपी का चुनाव निशान घड़ी है। इस घड़ी की तस्वीर में दस बज कर दस मिनट ही बजता दिखाया गया है। अब यह संयोग है या कोई टोटका, यह नहीं पता, लेकिन इतना पता है कि अडानी इसी वक्त शरद पवार के घर पहुंचे और दोनों के बीच २ घंटे तक चर्चा हुई।
दोनों के बीच क्या हुई बात, इस पर अलग-अलग कयास
गौतम अडानी और शरद पवार के बीच किस मुद्दे पर हुई बात, इस पर अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि हाल के दिनों में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद जिस तरह से राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस पार्टी ने अडानी पर आक्रामक रुख अपनाया हुआ है, उस संदर्भ में अडानी पवार से कुछ मशवरा करने आए होंगे। बता दें कि कांग्रेस पार्टी गौतम अडानी के खिलाफ जॉयंट पार्लियामेंट्री कमेटी की जांच की मांग कर रही है। शरद पवार ने इस बारे में साफ किया है कि इस तरह की जांच का कोई फायदा नहीं है। उन्होंने तर्क दिया है कि संयुक्त संसदीय समिति में जिस दल का बहुमत होता है, उसी दल के ज्यादा सदस्य होते हैं। ऐसे में इससे कोई हल निकलने वाला नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ही इस पर जांच करे, वही उचित है।

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