
लातूर। महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश और बादल फटने जैसी घटनाओं ने कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। नदियाँ उफान पर हैं, खेतों में लगी फसलें बह गई हैं और कई जगहों पर ज़मीन का कटाव भी हुआ है। इस आपदा से जूझ रहे किसानों को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आश्वासन दिया है कि राज्य सरकार सभी प्रभावित किसानों के साथ खड़ी है और उन्हें हर संभव मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी नियम-कायदों को दरकिनार करते हुए किसानों को तुरंत सहायता दी जाएगी और यह मदद दिवाली से पहले उनके हाथों तक पहुँचा दी जाएगी। मुख्यमंत्री फडणवीस ने गुरुवार को लातूर जिले के औसा तालुका के उजानी और निलंगा तालुका के औरद शाहजानी का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लिया और किसानों व ग्रामीणों से उनकी समस्याएँ सुनीं। इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन, लोक निर्माण मंत्री एवं लातूर जिले के संरक्षक मंत्री शिवेंद्रसिंह राजे भोसले, सांसद ओमप्रकाश राजे निंबालकर, विधायक अभिमन्यु पवार, विधायक संजय बनसोडे सहित प्रशासनिक अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने किसानों से कहा कि सरकार उनकी हर तकलीफ़ को समझती है और नुकसान की भरपाई के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सूखे के दौरान लागू की गई राहत योजनाओं को अब भारी बारिश और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भी लागू किया जाएगा। फडणवीस ने घोषणा की कि घरों और दुकानों में पानी घुसने से हुए नुकसान की भरपाई भी की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार ने पहले ही 2,200 करोड़ रुपये की पहली किस्त मंजूर कर दी है, जबकि आगे भी नुकसान की रिपोर्ट मिलने पर अतिरिक्त सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने उजानी गाँव के पास तेरना नदी के किनारे जाकर स्थिति का आकलन किया। उन्होंने कहा कि नदी किनारे की भूमि कटने से किसानों को गंभीर नुकसान हुआ है, जिसके समाधान के लिए बाढ़ सुरक्षा दीवार और बैराज निर्माण जैसी योजनाएँ लागू की जाएँगी। पुराने बैराजों की मरम्मत की जाएगी और उनमें आधुनिक द्वार लगाए जाएँगे, ताकि भविष्य में बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। इसके अलावा औसा और तुलजापुर तालुका को जोड़ने वाले पुल और उजानी गाँव को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने वाली सड़क के निर्माण की भी घोषणा की गई। फडणवीस ने औरद शाहजानी का भी दौरा किया, जहाँ उन्होंने प्रभावित किसानों से बातचीत की। स्थानीय किसान शिवपुत्र आगरे और अन्य ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को बताया कि मूंग, उड़द, मक्का और सोयाबीन जैसी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। किसानों की व्यथा सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि उन्हें चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, राज्य सरकार उनकी आजीविका को पटरी पर लाने के लिए हर संभव सहायता करेगी।
पंचनामा प्रक्रिया पर भी मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि क्षतिग्रस्त क्षेत्रों में अगर प्रत्यक्ष निरीक्षण संभव नहीं है तो ड्रोन से किए गए सर्वेक्षण और मोबाइल से खींची गई तस्वीरों को भी मान्य किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों को विश्वास में लेकर ही पंचनामा किया जाए और कोई भी सहायता केवल कागज़ी कार्रवाई तक सीमित न रहे। विधायक अभिमन्यु पवार और विधायक संजय बनसोडे ने मुख्यमंत्री से अतिरिक्त सहायता की मांग की और बारिश से प्रभावित क्षेत्रों की समस्याओं को सामने रखा। मुख्यमंत्री ने उन्हें भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार किसानों की मांगों पर सकारात्मक रूप से विचार करेगी। बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों के प्रति राज्य सरकार की इस त्वरित प्रतिक्रिया ने ग्रामीणों को बड़ी राहत दी है। अब सबकी नज़र दिवाली से पहले घोषित की गई सहायता राशि के वितरण पर टिकी है।