Tuesday, July 1, 2025
Google search engine
HomeCrimeभगवान राम को ‘मांसाहारी’ कहने वाले एनसीपी नेता आव्हाड पर एफआईआर, फडणवीस...

भगवान राम को ‘मांसाहारी’ कहने वाले एनसीपी नेता आव्हाड पर एफआईआर, फडणवीस बोले- चीप पब्लिसिटी स्टंट

मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड भगवान राम पर दिए विवादित बयान को लेकर मुश्किलों में पड़ते नजर आ रहे हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के ठाणे के वरिष्ठ नेता आव्हाड ने भगवान राम को लेकर अभद्र टिप्पणी की। जिसके बाद बीजेपी ने आक्रामक रुख अपना लिया है। उधर, आव्हाड के खिलाफ शुक्रवार को पुणे पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। जानकारी के मुताबिक, बीजेपी की पुणे इकाई के प्रमुख धीरज घाटे की शिकायत के बाद जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया है। पुणे की विश्रामबाग पुलिस ने जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295-ए के तहत मामला दर्ज किया।
फडणवीस ने साधा निशाना
उधर, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी एनसीपी शरद पवार गुट के नेता आव्हाड के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “जितेंद्र आव्हाड का यह बयान मूर्खतापूर्ण है। वह सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए ऐसी बातें करते है। यह उनका स्वभाव है। भगवान राम सभी के हैं। यह कृत्य लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है। इस देश में ऐसा कौन सा बहुजन, दलित, आदिवासी है जिसके भगवान श्री राम नहीं हैं? इसलिए बेवजह का बयान देकर ठेस पहुंचाई जा रही है। सभी भगवान श्रीराम को मानते हैं। मुझे यह देखकर आश्चर्य हो रहा है कि जो लोग खुद को हिंदुत्ववादी मानते हैं वे इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हैं। वे एक शब्द भी बोलने को तैयार नहीं हैं, यहां तक कि इसकी निंदा भी नहीं कर रहे हैं।
क्या कहा था जितेंद्र आव्हाड ?
एनसीपी शरद गुट ने अहमदनगर जिले के शिरडी में दो दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया है। शिविर के पहले ही दिन बुधवार को आव्हाड ने आपत्तिजनक बयान दिया। उन्होंने दावा किया कि भगवान राम शाकाहारी नहीं थे। बल्कि मांसाहारी थे। उन्होंने 14 वर्ष वनवास में बिताया था। वे शाकाहारी कैसे हो सकते हैं? वह शिकार करके खाते थे। राम बहुजनों के हैं। हम राम के पदचिन्हों पर चलते हैं। जब आव्हाड मंच से बोल रहे थे तो शरद पवार और सुप्रिया सुले भी उपस्थित थीं।
जितेंद्र आव्हाड ने बाद में दी सफाई
गुरुवार को अहमदनगर में पत्रकारों से बात करते हुए जितेंद्र आव्हाड ने कहा, “मैं खेद व्यक्त करता हूं। मैं किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता था।” हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि भगवान राम को लेकर उन्होंने जो बातें कही वह वाल्मीकि रामायण में लिखी है। जो 1891 में कोलकाता में छापी गई थी। मालूम हो कि ठाणे के मुंब्रा-कलवा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कुछ महीने पहले राम नवमी और हनुमान जयंती को लेकर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments