
मुंबई। महाराष्ट्र विधान परिषद में बुधवार को पेश किए गए एक लिखित उत्तर में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने चौंकाने वाले आंकड़ों का खुलासा किया, जिसके अनुसार पिछले 10 वर्षों में विभिन्न फर्जी योजनाओं के जरिए राज्यभर में 1.07 करोड़ से अधिक निवेशकों से कुल 3.18 लाख करोड़ रुपये की ठगी हुई है। यह खुलासा राज्य में वित्तीय धोखाधड़ी और साइबर अपराध की खतरनाक बढ़त को दर्शाता है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार, अकेले मुंबई में इस दौरान 2.95 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिससे 2.71 लाख निवेशक प्रभावित हुए। जबकि राज्य के अन्य हिस्सों में 1.05 करोड़ लोगों को 22,552 करोड़ रुपये की ठगी का सामना करना पड़ा। कांग्रेस एमएलसी सतेज पाटिल और 14 अन्य सदस्यों द्वारा इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की गई थी, लेकिन समयाभाव के कारण सदन में विस्तृत चर्चा नहीं हो सकी। हालांकि, गृह विभाग द्वारा पेश विस्तृत लिखित उत्तर में इन धोखाधड़ी मामलों की गहराई और व्यापकता को उजागर किया गया। 2016 से 2025 के बीच राज्य में साइबर पुलिस ने कुल ₹11,033.97 करोड़ के 46,321 साइबर अपराध मामले दर्ज किए हैं। वहीं, सिर्फ 2024 में ही राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर 58,157 शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें 1,186 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आंकड़ा सामने आया। इन मामलों में मुंबई (31,583 मामले), पुणे (13,971 मामले) और ठाणे (12,582 मामले) सबसे अधिक प्रभावित जिले रहे। राज्य सरकार ने इन बढ़ते वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए 50 विशेष साइबर पुलिस स्टेशन स्थापित किए हैं। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक पुलिस आयुक्तालय और जिला पुलिस प्रमुख के अधीन वित्तीय खुफिया इकाइयाँ भी गठित की गई हैं। गृह विभाग ने उच्च सदन को जानकारी दी कि धोखाधड़ी पर काबू पाने के लिए उन्नत तकनीकों और साइबर निगरानी प्रणाली का इस्तेमाल किया जा रहा है।