
नासिक। केंद्र सरकार की ओर से प्याज़ के निर्यात पर 31 दिसंबर तक 40 प्रतिशत शुल्क लगाने के फैसले के खिलाफ किसानों ने महाराष्ट्र के नासिक जिले में कई स्थानों पर सोमवार को प्रदर्शन किया। उनका दावा है कि केंद्र के फैसले से प्याज़ की अच्छी कीमत हासिल करने की संभावना बाधित होगी। प्रदर्शन के तहत नासिक-औरंगाबाद राजमार्ग पर धरना दिया गया जहां किसानों ने प्याज़ से बनी मालाएं पहनीं और केंद्र के फैसले के खिलाफ नारे लगाए। दिवंगत शरद जोशी के शेतकारी संगठन के कार्यकर्ताओं ने भी मनमाड-येवला राजमार्ग पर येवला एपीएमसी के सामने ‘रास्ता-रोको’ प्रदर्शन किया और प्याज़ पर निर्यात शुल्क लगाने के निर्णय को वापस लेने की मांग की। अधिकारियों ने कहा कि लगभग 30 मिनट तक चले विरोध प्रदर्शन के कारण मुख्य सड़क पर गाड़ियों की कतारें लग गईं। किसानों ने कहा कि वे पहले से ही प्राकृतिक आपदाओं से परेशान हैं और निर्यात शुल्क लगाने के फैसले से उपज से अच्छी कमाई की उनकी संभावना और कम हो जाएगी।एक प्रदर्शनकारी किसान ने कहा, “ पहले से ही सूखे जैसे हालात हैं। अब जब हमें प्याज़ के अच्छे दाम मिलने लगे तो केंद्र ने इस तरह का फैसला लिया। यह प्याज़ किसानों के साथ अन्याय है। इससे पहले दिन में, व्यापारियों ने जिले की सभी कृषि उपज बाजार समितियों (एपीएमसी) में अनिश्चितकाल के लिए प्याज़ की नीलामी बंद करने का फैसला किया। इसमें लासलगांव मंडी भी शामिल है जो भारत में सबसे बड़ा प्याज का थोक बाजार है। हालांकि, एपीएमसी सूत्रों ने कहा कि प्याज की नीलामी विंचूर में हुई। आगामी त्योहारी मौसम के मद्देनजर प्याज़ की कीमत में बढ़ोतरी के संकेतों के बीच केंद्र सरकार ने 19 अगस्त को प्याज़ के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगा दिया था। पहली बार प्याज़ पर निर्यात शुल्क लगाया गया है।