
मुंबई। महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने कहा है कि जुन्नर तालुका में बस स्टैंडों का विकास पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत किया जाएगा, ताकि नागरिकों को बेहतर परिवहन सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने विधान भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में यह सुझाव रखा, जिसमें जुन्नर, ओटूर और आलेफाटा बस स्टैंड के एकीकृत विकास और लातूर में एमएसआरटीसी (ST निगम) की परिसंपत्तियों के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस बैठक में विधायक शरद सोनवणे, विधायक अमित देशमुख और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। मंत्री सरनाईक ने कहा कि बस स्टैंड किसी भी शहर के विकास का महत्वपूर्ण केंद्र होते हैं, इसलिए इनका योजनाबद्ध और सतत विकास आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि बस स्टैंडों में टिकट बुकिंग केंद्र, यात्री प्रतीक्षालय, स्वच्छ शौचालय, कैफेटेरिया, चालक-परिचालक विश्राम कक्ष जैसी मूलभूत सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने विशेष रूप से निर्देशित किया कि जुन्नर बस स्टैंड क्षेत्र को कंक्रीट से सुसज्जित किया जाए, जिससे मानसून और भारी आवागमन में सुविधा बनी रहे। साथ ही नारायणगांव में एक केंद्रीय पार्किंग क्षेत्र विकसित करने पर बल दिया गया, ताकि भीड़भाड़ कम हो और वाहन नियोजन सुव्यवस्थित हो सके। बैठक में लातूर जिले में बीओटी (Build-Operate-Transfer) मॉडल के आधार पर केंद्रीय बस स्टैंड के पुनर्विकास और शहर के भीतर एसटी निगम की सभी परिसंपत्तियों के संयुक्त विकास की संभावनाओं पर भी गंभीर मंथन हुआ। इसमें प्राकृतिक संसाधनों, यात्री मांग और शहरी विस्तार को ध्यान में रखते हुए योजना बनाने पर जोर दिया गया। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ये परियोजनाएं सफल होती हैं तो इससे न केवल ग्रामीण और अर्ध-शहरी यात्रियों को सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि राज्य परिवहन निगम की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो सकती है। साथ ही स्थानीय रोजगार और क्षेत्रीय विकास को भी गति मिलेगी।